चाचर के सहारे नदी पार करने की मजबूरी

बिक्रमगंज(कार्यालय) : तमाम विकास के दावों के बावजूद अनुमंडल क्षेत्र के कई ऐसे गांव हैं जहां के लोगों को सड़क नसीब नहीं हैं. नदी व नहर पार करने के लिए लोग चाचर पुल (बांस का) बनाते हैं. नगर पंचायत सिकरियां के लोग सड़क नहीं होने के कारण काव नदी पर चाचर पुल बना गांव आते-जाते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 8:11 AM
बिक्रमगंज(कार्यालय) : तमाम विकास के दावों के बावजूद अनुमंडल क्षेत्र के कई ऐसे गांव हैं जहां के लोगों को सड़क नसीब नहीं हैं. नदी व नहर पार करने के लिए लोग चाचर पुल (बांस का) बनाते हैं. नगर पंचायत सिकरियां के लोग सड़क नहीं होने के कारण काव नदी पर चाचर पुल बना गांव आते-जाते हैं.
बरसात में मौसम में इस गांव का संपर्क अनुमंडल मुख्यालय से कट जाता है. लोग जान जोखिम में डाल कर नदी पार करते हैं. स्थानीय निवास राजू सिंह व वार्ड पार्षद रीता देवी ने बताया कि काव नदी पर पुल निर्माण का आश्वासन हर बार चुनाव में नेताओं द्वारा दिया जाता है, जिस आज तक अमल नहीं किया गया है.
2010 में तत्कालीन सांसद महाबली सिंह द्वारा नदी पर फुट ब्रिज बनाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन, इसे पूरा नहीं किया गया. नगर पंचायत से बिक्रमगंज से सिकरियां तक पीसीसी सड़क ढलाई का आग्रह किया गया था. उस पर भी अमल नहीं किया गया. उधर, काराकाट प्रखंड के इटढ़ियां के लोगों को भी इसी तरह की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यहां भी नदी में पुल नहीं होने के कारण लोगों को चाचर पुल से गुजरना पड़ता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि बिक्रमगंज से सिकरिया तक पीसीसी सड़क ढलाई एक बार में संभव नहीं है. चार-पांच पार्ट में बांट कर पूरा कराने का प्रयास किया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version