कमजोर हो रहा तटबंध

अनदेखी : सोन नदी से बालू निकालने में मानक का पालन नहीं सासाराम (ग्रामीण) : सोन नदी से लगातार बालू निकाले जाने से इसकी प्राकृतिक संरचनाओं पर असर पर रहा है. नदी के किनारे लगे मूंज को बालू माफियाओं द्वारा जला देने के पानी का दबाव तटबंध पर पड़ेगा, जिससे तटबंध कमजोर होगा व पानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 8:12 AM
अनदेखी : सोन नदी से बालू निकालने में मानक का पालन नहीं
सासाराम (ग्रामीण) : सोन नदी से लगातार बालू निकाले जाने से इसकी प्राकृतिक संरचनाओं पर असर पर रहा है. नदी के किनारे लगे मूंज को बालू माफियाओं द्वारा जला देने के पानी का दबाव तटबंध पर पड़ेगा, जिससे तटबंध कमजोर होगा व पानी का दबाव रोक पाना मुश्किल होगा. मूंज के नहीं रहने से कटाव का खतरा भी बढ़ जायेगा. इससे लोगों को परेशानी होने की आशंका बढ़ गयी है.
पलायन कर रहे जंगली जानवर : एक समय था जब सोन नद के दियारा अमर कंटक से लेकर पटना तक लाखों की संख्या में जंगली जानवर वास करते थे. इनमें सियार, जंगली बिल्ली, खरगोश, नीलगाय, सांभर व हिरण आदि शामिल थे. हिरण तो समय के साथ समाप्त हो गये, लेकिन आज भी अन्य जानवर यहां निवास करते हैं. इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है. स्थिति यह बन गयी है कि जानवर सोन छोड़ कर निकट के गांवों में पलायन कर रहे हैं.
इससे किसानों की फसलों को नुकसान हो रहा है.नदी के बीच बना तालाब : सोन नदी से बालू निकालने में मानक का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. बालू माफिया नदी में 20 फुट तक गड्ढे खोद देते हैं. इससे भू-स्खलन का खतरा मंडराने लगा है. किसी भी समय बालू माफियाओं के संसाधन व मजदूर सोन के गर्भ में समा सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version