दूध बेचने को नही मिल रही जमीन
जिले के तीन शहरों में खोले जाने हैं होल डे मिल्क बूथ मिल्क बूथ बनाने का प्रस्ताव सरकारी फाइलों में दबा डेहरी ऑन सोन : जिले में दूध उत्पादों को बेचने के लिए निर्धारित जगह नहीं मिल रही है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड दूध बेचने के लिए […]
जिले के तीन शहरों में खोले जाने हैं होल डे मिल्क बूथ
मिल्क बूथ बनाने का प्रस्ताव सरकारी फाइलों में दबा
डेहरी ऑन सोन : जिले में दूध उत्पादों को बेचने के लिए निर्धारित जगह नहीं मिल रही है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड दूध बेचने के लिए निर्धारित स्थल मुहैया कराने की मांग जिला प्रशासन से करता आ रहा है.
लेकिन, मिल्क बूथ बनाने का प्रस्ताव सरकारी फाइलों में अटकी पड़ी है. इधर, सूत्रों की मानें, तो मिल्क बूथ बनाने के लिए जो रुपये मिले थे, वह भूमि आवंटित नहीं होने के कारण वापस हो गये हैं. हालांकि, डेहरी रेलवे स्टेशन पर एक मिल्क बूथ का निर्माण जरूर किया गया है. मामला चाहे जो हो सरकार व प्रशासन की उदासीनता से कई वर्षो बाद भी होल डे मिल्क बूथ का निर्माण नहीं हो सका है.
कई वर्षो से हो रहा पत्रचार : सरकार के उप सचिव के पत्रंक 995 दिनांक 17 अक्तूबर 2008 के आलोक में होल डे मिल्क बूथ निर्माण के लिए एसडीयूएसएस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने जिलाधिकारी को 2 मार्च 2011 को पत्र लिखा था. फिर 26 जुलाई 2012 को भी पत्र लिखा. इसके बाद कम्फेड की प्रबंध निदेशक ने 25 अगस्त 2012 को फिर एक पत्र लिखा. इसके बाद भी पत्रचार होते रहे, लेकिन मामला फाइलों में दबता गया.
क्या है मामला
दूध उत्पादों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान की दिशा में प्रयत्नशील कम्फेड सुधा ब्रांड के नाम से डेयरी प्रोडक्ट को बेचने के लिए होल डे मिल्क बूथ के निर्माण की योजना बनायी है. कम्फेड ने मिल्क बूथ के लिए जिला प्रशासन से जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गयी थी. इस संबंध में कम्फेड के प्रबंध निदेशक हरजोत कौर ने रोहतास के डीएम को पत्र भी लिखा था. पत्र में उन्होंने कहा था कि कम्फेड से संबद्ध शाहाबाद दूग्ध उत्पादक संघ को निर्धारित स्थानों पर जमीन मुहैया करायी जा सकती है.