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अधूरी योजनाओं पर बिफरे पार्षद

जिला पर्षद की जमीन पर 25 लाख रुपये की लागत से पुस्तकालय बनाने की उठी मांग मल्हीपुर व अमियावर में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र खोलने के प्रस्ताव का हुआ अनुमोदन सासाराम (सदर) : जिला पर्षद के सभागार में बुधवार को हुई जिला पर्षद की सामान्य बैठक में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य व कृषि विभाग की योजनाओं पर […]

जिला पर्षद की जमीन पर 25 लाख रुपये की लागत से पुस्तकालय बनाने की उठी मांग
मल्हीपुर व अमियावर में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र खोलने के प्रस्ताव का हुआ अनुमोदन
सासाराम (सदर) : जिला पर्षद के सभागार में बुधवार को हुई जिला पर्षद की सामान्य बैठक में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य व कृषि विभाग की योजनाओं पर चर्चा हुई, जिसमें जिला पार्षदों ने अधूरी योजनाओं पर नाराजगी जतायी. पार्षदों का आरोप था कि बैठकों में विभागीय अधिकारी कहते हैं कि योजनाओं को जल्द पूरा करा लिया जायेगा. लेकिन, योजनाएं के कामकाज में कोई प्रगति नहीं होती है. यह सिर्फ प्रगति रिपोर्ट तक ही सीमित रह जाती है.
बैठक में योजनाओं के कामकाज की समीक्षा के दौरान सासाराम जीटी रोड-बबुरा मुख्य पथ व सोनहर-रायपुरचोर पथ के अधूरा छोड़े जाने के पार्षदों के सवाल पर विभागीय पदाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2008-09 में दोनों सड़कें स्वीकृत हुई थी. संवेदक द्वारा सड़कों का काम अधूरा छोड़े जाने पर एकरारनामा को रद्द कर उसके खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया गया है. इस दौरान मौजूद कोचस की प्रमुख सीता देवी ने जिला पर्षद की जमीन पर 25 लाख रुपये से पुस्तकालय बनाने की मांग की.
बैठक में उप विकास आयुक्त सह जिला पर्षद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शमीम अख्तर ने सासाराम संसदीय क्षेत्र के मल्हीपुर व काराकाट संसदीय क्षेत्र के अमियावर आदर्श पंचायत में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र खोलने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सदस्यों ने स्वीकृति के लिए प्रस्ताव के अनुमोदन का समर्थन किया. जिला पार्षद अरुणी देवी ने रोगी कल्याण समिति को भंग करने पर आपत्ति जतायी तथा समिति में पार्षदों को भी शामिल करने की मांग की. इस पर सीएस ने बताया कि रोगी कल्याण समिति का कार्यकाल तीन वर्षो का रहता है. इसके बाद स्वत: ही भंग हो जाती है.
कुछ सदस्यों ने जिला पार्षद की सामान्य बैठक की अवधि एक दिन के बढ़ा कर दो दिन करने की मांग की. जिला पार्षदों ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई ऐसे प्राथमिक व मध्य विद्यालय हैं, जहां शिक्षक हमेशा नदारद रहते हैं और वे नियमित वेतन उठाते हैं. सदन में पार्षद ने चरपुरवा कस्तूरबा बालिका विद्यालय में कार्यरत शिक्षक बबलू दूबे के विद्यालय नहीं आने का सवाल उठाये जाने पर संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने रिपोर्ट दी कि उक्त विद्यालय में बबलू दूबे नामक कोई शिक्षक कार्यरत ही नहीं है.
इस पर जिला पार्षदों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की. वही, बैठक में कई विभागों के अधिकारियों द्वारा नहीं आने पर स्पष्टीकरण पूछने की मांग भी सदन में उठायी गयी. वही, चेनारी टैक्सी स्टैंड की बंदोबस्ती करने का प्रस्ताव सदन में पारित किया गया. बैठक की अध्यक्षता जिला पर्षद की अध्यक्ष प्रमीला सिंह, उपाध्यक्ष संतोष पटेल, अरुण कुमार सिंह, शिवपूजन राम, लीलावती देवी व जगनारायण सिंह समेत कई जिला पार्षद, प्रखंड प्रमुख व कई विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे.
सदन में खूब चले व्यंग बाण : बैठक में जिला पार्षदों में खूब व्यंग बाण चले. पर्षद की सामान्य बैठक में उठाये जाने वाले मामलों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्षद अरुणी देवी ने अध्यक्ष पर कई टिप्पणियां कीं. पार्षद ने स्पष्ट कह दिया कि जिला पर्षद की योजनाओं में अध्यक्ष व कार्यालय द्वारा कमीशन क्यों लिया जाता है. इस पर जिला पर्षद की अध्यक्ष ने पार्षद को अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करने को कहा.
योजनाओं की फाइलें गुम : बैठक में यह मामला सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2009-10 तक की अपूर्ण बीआरजीएफ की योजनाओं की फाइलें व मापी पुस्त (पुस्तिका) गुम हो गयी. इस पर डीडीसी सह जिला पर्षद की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने सभी गुम फाइलों व मापी पुस्त को पुन: नये सिरे से संधारित कर काम को पूरा कराने का निर्देश दिया.

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