हाल सिरिसियां-कथराई पथ का, सैकड़ों गांवों का है मुख्य रास्ता
जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बुरा हाल सासाराम (सदर) : जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बुरा हाल है. लगातार मॉनीटरिंग नहीं होने से योजना के तहत जिले में कई ऐसी सड़कें हैं, जो अब तक अधूरी हैं. ये सभी सड़कें लंबी दूरी की हैं. वित्तीय वर्ष 2003-04 से 2005-06 में चयनित […]
जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बुरा हाल
सासाराम (सदर) : जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बुरा हाल है. लगातार मॉनीटरिंग नहीं होने से योजना के तहत जिले में कई ऐसी सड़कें हैं, जो अब तक अधूरी हैं. ये सभी सड़कें लंबी दूरी की हैं. वित्तीय वर्ष 2003-04 से 2005-06 में चयनित सभी सड़कों को बनाने के लिए एनआरआरडीए ने केंद्रीय एजेंसियों को जिम्मा सौंपा था. रोहतास जिले में केंद्रीय एजेंसी एनपीसीसी ने कुल 96 सड़कों को बनाने का जिम्मा लिया था. लेकिन, आठ सड़कों का काम अब भी अधूरा है.
इन सड़कों की लंबाई दस किलोमीटर से अधिक है. इन सड़कों से सैकड़ों गांवों का संपर्क जुड़ा है. लेकिन, सड़कों के नहीं बनने से लोगों को काफी परेशानी होती है.
जानकारी के अनुसार, करगहर प्रखंड के सिरिसियां-कथराई सड़क व करगहर-अरुही सड़क का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2004-05 में 26.05 किमी लंबी सिरिसियां-कथराई के लिए 9 करोड़ 86 लाख रुपये में स्वीकृत किये गये थे. लेकिन, दस वर्ष बाद भी ये सड़कें नहीं बन पायी हैं. स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों ने कई बार सिरिसियां-कथराई सड़क के निर्माण की गुहार लगायी, लेकिन विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गयी.
सूत्रों की मानें, तो केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में कुछ कर्मचारियों को छोड़ कर बड़े पदाधिकारी नहीं रहते हैं. इस पथ से 10 लिंक रोड (संपर्क पथ) जुड़े हैं, जिनका निर्माण हो चुका है, लेकिन सिरिसियां-कथराई सड़क के नहीं बनने से इस क्षेत्रों के लोगों को प्रखंड व जिला मुख्यालय तक पहुंचने में काफी परेशानी होती है.
इस पथ के निर्माण हेतु गाजीपुर के ठेकेदार विनोद कुमार राय ने 17 अक्तूबर 2008 को विभाग के साथ एकरारनामा किया था. लेकिन, 40 प्रतिशत का काम करने के बाद ग्रामीण कार्य विभाग से पैसा लेकर चले गये. इस कारण था कि संवेदक द्वारा किये गये काम की अवधि पांच वर्ष से अधिक हो गयी थी और एकरारनामा भी समाप्त हो गया था.
केंद्रीय एजेंसी नहीं करती नियमित जांच : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए एनआरआरडीए ने एनक्यूएम व एसक्यूएम एजेंसी को सड़कों के कामकाज की जांच का जिम्मा सौंपा हैं. लेकिन, प्राय: यह देखा गया है कि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा बनायी जा रही सड़कों की गुणवत्ता की शायद ही जांच होती है. केंद्रीय एजेंसियों द्वारा बनायी गयी सड़कों की नियमित जांच नहीं की जाती है.