कागजों में ही सफाई

सासाराम (सदर) : नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो स्वच्छता उनका पहला मिशन था. उन्होंने देशवासियों को स्वच्छ भारत का नारा देकर संबोधित किया था. पीएम ने वायु व जल दोनों को प्रदूषण मुक्त बनाने का दावा किया था. इस पर अमल के लिए देश के नेता व पदाधिकारियों के अलावा सामाजिक संगठन भी जुट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2015 2:49 AM
सासाराम (सदर) : नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो स्वच्छता उनका पहला मिशन था. उन्होंने देशवासियों को स्वच्छ भारत का नारा देकर संबोधित किया था. पीएम ने वायु व जल दोनों को प्रदूषण मुक्त बनाने का दावा किया था. इस पर अमल के लिए देश के नेता व पदाधिकारियों के अलावा सामाजिक संगठन भी जुट गये थे. परंतु, यह सिर्फ फोटो खिंचाने व अखबारों में खबर छपवाने तक ही सीमित रह गया.
एक अभियान के तहत देश में सभी नेता, अधिकारी व सामाजिक संगठन के लोग जगह-जगह तक सफाई अभियान के लिए हाथों में झाड़ू लेकर सड़कों पर उतर चुके थे. लेकिन, कुछ ही दिनों के बाद यह अभियान एकाएक थम गया. कहीं भी इसका असर नहीं दिख रहा है. कहीं भी जाये तो पहले जैसा ही कचरा दिखाई देगा.
डीएम आवास के सामने फैला कचरा: शहर के अति महत्वपूर्ण जगह डीएम आवास से शुरू किया जाय तो वहां भी सड़क के किनारे कचरा तो है ही, लोग रात में शौच भी वहीं करते हैं. सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी इस पर कोई संज्ञान नहीं लेते है. लोगों को नाक पर रूमाल रख कर इस रास्ते से गुजरना पड़ता है.
सदर अस्पताल में ही किया जाता कचरे को डंप: सदर अस्पताल में फैले कचरे के कारण मरीजों व उनके परिजनों में हमेशा संक्रामक बीमारियों की आशंका बनी रहती है. अस्पताल परिसर व इसके बाहर कचरे का अंबार लगा रहता है. इतना ही नहीं, सदर अस्पताल के कचरे को अस्पताल परिसर में ही डंप किया जाता है. इसके अलावा शहर में स्थित निजी क्लिनिकों द्वारा भी सड़क पर ही कचरा फेंका जाता है. इससे हमेशा लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सरकारी कार्यालयों में भी गंदगी: शहर की सड़कों व गली-मुहल्लों में तो गंदगी है ही, साथ ही सरकारी कार्यालयों के परिसर में भी गंदगी भरी हुई है. लोग परिसर में ही मल-मूत्र त्याग करते हैं. समाहरणालय परिसर में चारों तरफ यही नजारा है.

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