आधी आबादी पर अब भी जुल्म-सितम

सासाराम (नगर) : कठोर कानून व लाख प्रयास के बावजूद महिलाओं पर घरेलू हिंसा की घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है. महिलाओं को मारपीट कर घर से निकालने जैसी घटना आज भी जारी है. हाल के कुछ वर्षो में घरेलू हिंसा पर नजर डाला जाये तो घटने के बजाय इजाफा ही हुआ है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2013 2:23 AM

सासाराम (नगर) : कठोर कानून लाख प्रयास के बावजूद महिलाओं पर घरेलू हिंसा की घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है. महिलाओं को मारपीट कर घर से निकालने जैसी घटना आज भी जारी है.

हाल के कुछ वर्षो में घरेलू हिंसा पर नजर डाला जाये तो घटने के बजाय इजाफा ही हुआ है. भले क्यों बाद में सुलह समझौता से मामले की पटाक्षेप हो जाये. आधी आबादी पर हो रही घरेलू हिंसा को रोकने के लिए सरकार कई कार्यक्रम चला रही है. फिर भी कामयाबी नहीं दिख रही है.

जिले में स्थापित महिला थाने महिला विकास निगम के तहत संचालित हेल्प लाइन से महिलाओं को हौसले तो बढ़े हैं. लेकिन, दहेज लोभियों में इसका भय नहीं दिखता है. लिहाजा घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों का बोझ कोर्ट थानों में दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं.

प्रताड़ना की शिकार हो ही महिलाओं से यह सवाल जटिल होने लगा है कि आखिर कब तक आधी आबादी अपने हक, अधिकार स्वतंत्रता अस्तित्व को बचाने के लिये दर दर ठोकरें खाती रहेंगी. महिला हेल्प लाइन के संचालिका अफरीन तरन्नुम ने कहा कि घरेलू हिंसा से जुड़े 68 मामले लंबित हैं, जबकि इतने ही मामलों का निबटारा किया जाचुका है.

Next Article

Exit mobile version