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सड़ रही बंद पड़ी छपाई मशीन
सासाराम (सदर) : जिला पर्षद द्वारा खरीदी गयी छपाई मशीन (ट्रेडिल मशीन) समेत अन्य मशीनें जंग खाकर अब सड़ने लगी हैं. अगर मशीनों की नीलामी नहीं होती है, तो उन्हें हटाने के लिए जिला पर्षद को रुपये खर्च करने पड़ेंगे. वर्ष 1987-88 में जिला पर्षद द्वारा 75 हजार रुपये से छपाई मशीन खरीदी गयी थी. […]
सासाराम (सदर) : जिला पर्षद द्वारा खरीदी गयी छपाई मशीन (ट्रेडिल मशीन) समेत अन्य मशीनें जंग खाकर अब सड़ने लगी हैं. अगर मशीनों की नीलामी नहीं होती है, तो उन्हें हटाने के लिए जिला पर्षद को रुपये खर्च करने पड़ेंगे. वर्ष 1987-88 में जिला पर्षद द्वारा 75 हजार रुपये से छपाई मशीन खरीदी गयी थी. इस मशीन से जिला पर्षद समेत तमाम विभागों के कागजों की छपाई हो रही थी.
लेकिन, चंद वर्षो बाद ही मशीन खराब हो गयी. जिला पर्षद के अधिकारी उसकी मरम्मत करना मुनासिब नहीं समङो. मशीन को खराब हुए करीब 15 वर्ष से ज्यादा हो गये हैं. अब हालत यह है कि बेकार पड़ी मशीन जंग लग कर सड़ रही है. पर्षद इसकी नीलामी भी नहीं करा रही है.
खराब मशीन से भवन भी हो रहा बरबाद : छपाई मशीनों के बंद होने के बाद खराब पड़े मलबे से भवन भी बरबाद हो रहा है. रंगाई-पुताई नहीं होने से भवन जजर्र हो गया है, जबकि उक्त भवन को लीज या भाड़े पर देकर राजस्व कमाया जा सकता है. लेकिन, जिला पर्षद के मनमाने रवैया के कारण सरकार को नुकसान हो रहा है.
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