सासाराम (कार्यालय) : पिछले 15 अगस्त को बड्डी गांव में झंडोत्तोन को लेकर हुआ विवाद गहराता जा रहा है. इसमें प्रशासन को दोनों पक्षों की बात सुन समझ तथ्यों के आलोक में निर्णय लेना चाहिए.
वही, एक पक्ष द्वारा लगातार शोषण का आरोप लगा प्रशासन और सरकार की सहानुभूति पाने की आकांक्षा से माहौल और खराब होते जा रहे हैं. मंगलवार को जिला प्रशासन ने जिस तरह से बड्डी के 15 शस्त्र धारकों को शो कॉज जारी किया है.
उससे जिले में अफवाहों का माहौल गरम है. गौरतलब है कि बड्डी गांव 1980 से ही उग्रवादियों की हिट लिस्ट में रहा है, जहां मोहन बिंद जैसे कुख्यात डकैतों से आत्म रक्षा के लिए गांव के निवासियों को शस्त्र अनुज्ञप्ति प्रदान की गयी थी और उसी के बाद 90 के दशक में बड्डी में सहायक थाने की स्थापना भी की गयी थी.
इसका एक मात्र उद्देश्य उग्रवादग्रस्त इस इलाका में लोगों की जान–माल की सुरक्षा करनी थी. इस स्थिति में यदि बड्डी सहित आस पास के क्षेत्रों में उग्रवादी गतिविधियां बढ़ती हैं, तो इसकी जवाबदेही प्रशासन के ऊपर ही होगी. यहां सवाल यह भी उठता है कि घटना में नुकसान दोनों पक्षों से हुई हैं.
प्रशासन को कार्रवाई करने से पूर्व सभी तथ्यों पर ध्यान से अवलोकन करना चाहिए. आज शहीद निशान सिंह स्मारक समिति के लोग यदि पुलिस–प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई आरोप लगा रहे हैं तो इससे प्रशासन का भरोसा ही आम लोगों में कम होगा.
शहीदों को मिले उचित सम्मान
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोन को ले उठे विवाद में शहीद निशान सिंह व राष्ट्रध्वज के अपमान की बात को प्रशासन समेत सभी लोग भूल रहे हैं, जबकि निशान सिंह केवल बड्डी के ही नहीं पूरे राष्ट्र के धरोहर हैं.
जहां प्रशासन को सभी तथ्यों को जांच परख ही कार्रवाई करनी की आवश्यकता है.वार्ड पार्षद अतेंद्र कुमार ने प्रेस वार्ता कर यह बात कही. साथ ही आगामी 23 अगस्त को शहीद निशान सिंह स्मारक समिति के विशाल प्रदर्शन में शामिल हो घटना की न्यायिक जांच की मांग की.
बड्डी कांड की निंदा
सासाराम (ग्रामीण) : राष्ट्रीय समानता दल के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद कुशवाहा ने बड्डी कांड को शर्मनाक व निंदनीय बताते हुए मृतक को 10 लाख व घायलों को पांच लाख मुआवजा देने की मांग की.
गांव का दौरा करने के बाद कहा कि घटना के समय प्रशासन की उदासीनता से माहौल बिगड़ा लेकिन बाद में प्रशासन की कार्रवाई सराहनीय है. कुछ लोग वोट के लिए उसे एक तरफा करार दे रहे हैं. बड्डी गांव का दौरा करने वालों में धर्मेद्र सिंह कुशवाहा, दिनेश्वर शर्मा,अशोक सिंह, रामानंद मौर्य समेत कई लोग शामिल थे.