जेल में बंद कनीय अभियंता भी बनाये गये दंडाधिकारी
सासाराम (सदर) : प्राय: देखा जाता है कि जब भी कोई पर्व-त्योहार, बड़े नेताओं की जनसभा या बड़ा कार्यक्रम होता है, तो उस दौरान जिला प्रशासन द्वारा दंडाधिकारियों की नियुक्ति की जाती है. लेकिन, यह व्यवस्था सिर्फ खानापूर्ति ही प्रतीत होती है. प्रशासन द्वारा सेवानिवृत्त या तबदला हुए अधिकारियों को दंडाधिकारी नियुक्त कर दिया जाता […]
सासाराम (सदर) : प्राय: देखा जाता है कि जब भी कोई पर्व-त्योहार, बड़े नेताओं की जनसभा या बड़ा कार्यक्रम होता है, तो उस दौरान जिला प्रशासन द्वारा दंडाधिकारियों की नियुक्ति की जाती है. लेकिन, यह व्यवस्था सिर्फ खानापूर्ति ही प्रतीत होती है.
प्रशासन द्वारा सेवानिवृत्त या तबदला हुए अधिकारियों को दंडाधिकारी नियुक्त कर दिया जाता है और जिन जगहों पर वैसे अधिकारियों की नियुक्ति होती है, वहां अगर कोई घटना होती है, तो उसे प्रशासन लीपापोती में लग जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ है रामनवमी में दंडाधिकारियों की नियुक्ति के मामले में. इस बार जेल में बंद जिला पर्षद के कनीय अभियंता महंत पांडेय को दंडाधिकारी बना दिया जाता है.
डीएम संदीप कुमार व एसपी शिवदीप लांडे के संयुक्त आदेश ज्ञापांक 1152 गो सासाराम दिनांक 23 मार्च, 2015 द्वारा जारी सूची में वैसे अधिकारियों को भी दंडाधिकारी नियुक्त कर दिया गया है, जो योजनाओं के रुपये गबन करने के आरोप में जेल में बंद हैं. प्रशासन की सूची में क्रमांक 129 पर कनीय अभियंता को कंपनी सराय में दंडाधिकारी नियुक्त किया है.
सासाराम (नगर) : शिक्षा विभाग ने कई हाइस्कूलों को अपग्रेड कर प्लस-टू स्कूल व मिडिल स्कूलों को अपग्रेड (उत्क्रमित) कर हाइस्कूल बना दिया. इस प्लस-टू विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन भी शुरू हो गये, लेकिन इन संसाधन व शिक्षकों के कमी के कारण इन विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. कहीं भवन का अभाव है, तो कहीं शिक्षक ही नहीं हैं.
शिवसागर प्रखंड के सर्वोदय उच्च माध्यमिक विद्यालय सरैयां में मात्र सात कमरों में ही स्कूल का कार्यालय, शिक्षक रूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी व वर्ग कक्ष चलता है. विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या 1240 है. विद्यालय में माध्यमिक स्तर के शिक्षण कार्य के लिए हिंदी, अंगरेजी, संस्कृत, उर्दू, कंप्यूटर व विज्ञान के शिक्षक व लाइब्रेरियन के पद रिक्त हैं. वहीं, उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षण कार्य के लिए भौतिकी में दो, रसायन शास्त्र में दो, गणित में दो, मनोविज्ञान में दो, इतिहास में एक, राजनीति शास्त्र में एक, समाज शास्त्र में एक, अंगरेजी का दो पद रिक्त है. विद्यालय में विज्ञान शिक्षक की कमी के कारण छात्रों को प्रैक्टिकल भी नहीं कराया जाता.