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जिले के एकमात्र महिला थाने में सुविधाओं का अभाव
हाजत के लिए नगर थाने का लिया जाता है सहारा डेहरी ऑन सोन : जिले का एकमात्र महिला थाना के बदहाल है. 10 अगस्त 2012 को स्थापना से लेकर अब तक महिला थाने में करीब 250 मामले भी आये, जिसमें 178 मामलों में प्राथमिकी दर्ज हुई. करीब 70 मामले आपसी समझौते के बाद निबटाये गये. […]
हाजत के लिए नगर थाने का लिया जाता है सहारा
डेहरी ऑन सोन : जिले का एकमात्र महिला थाना के बदहाल है. 10 अगस्त 2012 को स्थापना से लेकर अब तक महिला थाने में करीब 250 मामले भी आये, जिसमें 178 मामलों में प्राथमिकी दर्ज हुई. करीब 70 मामले आपसी समझौते के बाद निबटाये गये. लेकिन, महिला थाने को कई सुविधाएं नहीं मिली हैं.
महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए बने थाने में न तो टेलीफोन है और न ही बिजली. हाजत के लिए बगल में स्थित नगर थाने का सहारा है. अनुभवी व सक्षम पदाधिकारियों की कमी के कारण 30 मामले लंबित हैं. इन मामलों की अभी जांच ही चल रही है.
शौच के लिए झाड़ियों का सहारा:
देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन महिला थाने में शौचालय नहीं है. थाने के पास उगीं झाड़ियों में लोग शौच व पेशाब करने का इस्तेमाल करते हैं. महिला पुलिस पदाधिकारियों को भी कैंपस के बाहर स्थित क्र्वाटरों जाना पड़ता है. पिछले ही वर्ष एक महिला कैदी शौच के बहाने झाड़ियों से होकर भागने का प्रयास किया था. हालांकि, उसे सफलता नहीं मिल सकी.
दहेज उत्पीड़न के सर्वाधिक मामले दर्ज: थाने में सबसे ज्यादा केस दहेज व महिला उत्पीड़न के ही दर्ज हैं. इसके अलावा यौनशोषण, बलात्कार व छेड़खानी आदि मामले भी दर्ज हैं.
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