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अवैध कारोबारियों में मची अफरातफरी

सासाराम (ग्रामीण) : रोहतास जिले की पुलिस व प्रशासन ने अवैध कारोबारियों के खिलाफ अनवरत अभियान को जारी रखा है. पहले तो अवैध खनन व क्रशर के खिलाफ व्यापक अभियान चलाये गये. लेकिन, दूसरे दिन डेहरी के इलाके में कोयला जला कर पोड़ा बनाने वाले ठिकानों को निशाना बनाया. इससे व्यावसायिक इलाके में सोमवार को […]

सासाराम (ग्रामीण) : रोहतास जिले की पुलिस व प्रशासन ने अवैध कारोबारियों के खिलाफ अनवरत अभियान को जारी रखा है. पहले तो अवैध खनन व क्रशर के खिलाफ व्यापक अभियान चलाये गये. लेकिन, दूसरे दिन डेहरी के इलाके में कोयला जला कर पोड़ा बनाने वाले ठिकानों को निशाना बनाया. इससे व्यावसायिक इलाके में सोमवार को अफरातफरी मच गयी. काफी संख्या में कोयले से लदे ट्रक पकड़े गये. अब बालू खनन व ओवरलोडेड वाहनों पर कार्रवाई होगी.
क्या है कानूनी प्रक्रिया: पोड़ा बनाना के लिए अनुमति लेनी होती है. यह उद्योग शहर व घनी आबादी से दूर लगाया जाता है. चिमनी भी स्थापित किये जाने का प्रावधान है. लेकिन, विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना जरूरी है.
सक्रिय हैं सफेदपोश : इस व्यवसाय में कई सफेद पोश लोग भी शामिल हैं, जिनकी पकड़ सत्ता तक है. लंबे समय करीब तीन दशक पूर्व से इस इलाके में यह धंधा फल-फूल रहा है. पोड़ा का उपयोग घरेलू ईंधन व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में की जाती है. यह काफी ऊंची कीमत बिकता है. दूसरे प्रांतों में इसका निर्यात किया जाता है.
एक हजार टन कोयला आता है प्रतिदिन : जिले में प्रतिदिन लगभग एक हजार टन कोयल मंगवाये जाता है, जिसे वाराणसी, बक्सर, भोजपुर भेजा जाता है. जानकारों की मानें तो कोयला डिपो में आता है, जहां से निर्धारित पार्टियों को मंडी से वाहन समेत धर्मकांटा पर वजन करा कर भेजा जाता है. करीब डेढ़ सौ टन कोयले का उपयोग पोड़ा व्यवसाय में किया जाता है.

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