सासाराम (नगर) : देवकी नंदन पुत्र श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बुधवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास से मनाया गया. कोई निजर्ला, तो कोई फलाहार रह इसे व्रत के रूप में मनाया. जन्माष्टमी को लेकर फलों व पूजा सामग्रियों की लोगों ने खरीदारी की.
इस मौके पर मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर श्रीकृष्ण रूपी भगवान शालिग्राम की मूर्ति रख आधी रात को जन्मोत्सव समारोह को संपन्न किया गया. जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर रखे गये डोल को फूलों से सजाया गया था.
पूजा स्थल पर देर रात तक भजन–कीर्तन का आयोजन हुआ. श्री कृष्ण का जन्म होते ही ‘जय कन्हैया लाल की, मदन–गोपाल की ‘ व ‘गाय की घी जले सारी रात हो..’ जैसे गीत गूंज उठे. पंडित सुदर्शन के अनुसार, मुहूर्त एक अच्छा योग है. श्रीकृष्ण का जन्म बुधवार को रोहिणी नक्षत्र व अष्टमी तिथि की आधी रात को हुआ था. जो इस बार सारे योग है. दिन तिथि व नक्षत्र एक साथ पड़े हैं.
20 रुपये तक बिका खीरा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर खीरे की विशेष महत्व है. देर शाम तक बाजार में प्रति खीरा 20 रुपये में मिला. बावजूद इसके लोगों ने जम कर खरीदारी की. ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म खीरे को चीर कर कराया जाता है.
मटका फोड़ प्रतियोगिता हुई
गौरक्षणी स्थित कोचिंग संस्थान के छात्रों ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मटका फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया.
इस दौरान छात्रों की टोली ने पेड़ पर मटका बांध उसे फोड़ने का प्रयास किया. कई बार के प्रयास के बाद उन्हें मटका तक पहुंचने में सफलता मिली. कार्यक्रम के दौरान लोगों का उत्साह चरम पर था. पूरा माहौल भगवान कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा.