मनमानी कीमत वसूल रहे दुकानदार
बगैर रेट लिस्ट के दुकानों में बिक रही शराब सासाराम(ग्रामीण) : जिले के 80 फीसदी शराब दुकानों में बगैर रेट लिस्ट के ग्राहकों से मनमानी कीमत वसूली जा रही है. इस पर अधिकारियों का ध्यान नहीं है. इससे एक ओर जहां व्यवसायी मालामाल हो रहे हैं, वहीं उपभोक्ता लूटे जा रहे हैं. उत्पाद विभाग के […]
बगैर रेट लिस्ट के दुकानों में बिक रही शराब
सासाराम(ग्रामीण) : जिले के 80 फीसदी शराब दुकानों में बगैर रेट लिस्ट के ग्राहकों से मनमानी कीमत वसूली जा रही है. इस पर अधिकारियों का ध्यान नहीं है. इससे एक ओर जहां व्यवसायी मालामाल हो रहे हैं, वहीं उपभोक्ता लूटे जा रहे हैं. उत्पाद विभाग के कनीय अधिकारी न तो दुकानों की नियमित जांच करते हैं और न ही नियमावली पर अमल करते व करवाते हैं.
ऐसी स्थिति में घटिया किस्म की शराब की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है. सरकार के मानक व नियमावली की रोहतास में धज्जियां उड़ायी जा रही है.
क्या है नियमावली: विभाग को दुकानों में रेट लिस्ट लगवाने, बोतलों की सील तोड़ कर नहीं बेचे जाने, दुकानों के अलावा उसके अलग कोई प्रतिष्ठान न होने, निर्धारित कीमतों पर शराब उपलब्ध कराने सहित अन्य कई नियमावली लगवाना सुनिश्चित करना है. परंतु, ऐसा नहीं किया जाता है. इसके अलावा दुकान का नाम व लाइसेंस की अवधि, लाइसेंसधारी का नाम, दुकान के अधिकृत विक्रेता का नाम, सभी श्रेणी के शराब की अधिकतम खुदरा मूल्य जो मानक के अनुसार 3×2.5 का साइन बोर्ड लगाना है. इसके अलावा स्टॉक पंजी प्रत्येक दिन का अद्यतन लिखना आवश्यक है. दुकानों में लाइसेंस भी रखना जरूरी है.
दंड के क्या हैं प्रावधान: अगर, जो लाइससेंधारी इन मानदंडों का पालन नहीं करते हैं तो उत्पाद अधिनियम की धारा 42 व अन्य संगत प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करना. इसके अधीन जुर्माना वसूलना, अगर मामला बनता है तो विभाग लाइसेंस धारक के अनुसूचित पर भी विचार कर सकता है.
खामोश हैं अधिकारी : अधिकारी खामोश हैं. बंदोबस्त दुकान चलानेवाले पड़ोसी होटलों व ग्रामीण दुकानों में शराब बेचते हैं. लेकिन, अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. बल्कि, दुकानदार जहां चाहते है अधिकारी से छापेमारी कराते हैं. इन दुकानों पर अधिकारी व मालिक एक राशि निर्धारित करते हैं. नाम नहीं छापने के सवाल पर एक दुकानदार ने इसकी जानकारी दी.