नाला जाम, सड़क पर पानी
हर बरसात में दिखता है एक जैसा ही नजारा सासाराम (कार्यालय) : पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से शहर की स्थिति नारकीय हो गयी है. रुक–रुक कर हो रही बारिश से जीवन अस्त–व्यस्त हो गया है. नगर पर्षद द्वारा बरसात में नाले की सफाई के दावे पूरी तरह खोखले साबित हुए हैं. […]
हर बरसात में दिखता है एक जैसा ही नजारा
सासाराम (कार्यालय) : पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से शहर की स्थिति नारकीय हो गयी है. रुक–रुक कर हो रही बारिश से जीवन अस्त–व्यस्त हो गया है. नगर पर्षद द्वारा बरसात में नाले की सफाई के दावे पूरी तरह खोखले साबित हुए हैं.
शहर का कोई भी चौराहा या सड़क ठीक नहीं है. यहां गाड़ी की बात, तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. वहीं, कई सामाजिक संगठनों ने डीएम से इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने की मांग भी की है.
इस मामले में पार्षद अंजू मौर्या ने नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी व बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी न तो नालियों की सफाई हो सकी है और न ही गलियों की ही. पार्षद ने नगर पर्षद के उप मुख्य पार्षद चंद्रशेखर सिंह सफाई कर्मियों की बहाली में भी धांधली बरतने का आरोप लगाया है. इसमें कहा गया है कि अपने लोगों को नाली की सफाई का ठेका देकर लाखों रुपये का गबन किया गया.
सफाई में भी लापरवाही
नेहरू शिशु उद्यान प्रबंधन कमेटी के सदस्य दशरथ दूबे ने डीएम को पत्र लिख शहर की सफाई में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. पत्र में उन्होंने कहा है कि शहर की नालियों के जाम होने के कारण गंदा पानी सड़क पर बहता है. इससे काफी समस्या होती है. गौरतलब है कि आधे शहर के पानी की निकासी निकास नेहरू शिशु उद्यान और पानी टंकी के बने नाले के पश्चिम से रेलवे तालाब में जाता है.
लेकिन, इन नालों की सफाई नहीं होने से पार्क में लगे वृक्षों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. इतना ही नहीं इस स्थिति में एक मात्र उद्यान का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. शहर के सफाई इंचार्ज नीरज झा से बार–बार अनुरोध करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होना नगर पर्षद की उदासीनता को उजागर करता है.