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सदर अस्पताल: मरीजों को नहीं मिलती हैं समुचित सुविधाएं, लाखों खर्च, फिर भी दिक्कत में
सासाराम (ग्रामीण): सदर अस्पताल में सफाई, बिजली आपूर्ति (जेनेरेटर) व कपड़ा धुलाई के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद व्यवस्था चरमरायी हुई है. कई विभागों में लगी मशीन नहीं चल पाती हैं. सदर अस्पताल में बिजली आपूर्ति के लिए 50 केवीए व ब्लड बैंक चलाने में 20 केवीए के जेनेरेटर की आवश्यकता […]
सासाराम (ग्रामीण): सदर अस्पताल में सफाई, बिजली आपूर्ति (जेनेरेटर) व कपड़ा धुलाई के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद व्यवस्था चरमरायी हुई है. कई विभागों में लगी मशीन नहीं चल पाती हैं. सदर अस्पताल में बिजली आपूर्ति के लिए 50 केवीए व ब्लड बैंक चलाने में 20 केवीए के जेनेरेटर की आवश्यकता होती है. ब्लड बैंक में निर्धारित आपूर्ति के बावजूद अस्पताल में अवसर लो वोल्टेज की शिकायतें मिलती रहती हैं. वहीं, सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च होती है. लेकिन, अस्पताल परिसर में कूड़े लगे रहते हैं और अस्पताल परिसर में ही कूड़ा डंप किया जाता है. मरीजों के बेड से चादर भले ही गायब रहते हैं, लेकिन 68,484 रुपये प्रतिमाह धुलाई के नाम पर खर्च होते हैं.
जांच समिति गठित
नये ठेकेदार को पूर्व की शर्तो पर भले ही व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, लेकिन उसके जेनेरेटर की क्षमता की जांच की जायेगी. डीएस के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. नये टेंडर सिविल सजर्न के आदेश के बाद 28 अप्रैल, 2015 को न्यू राज इलेक्ट्रिक को सौंपी गयी है. आदेश के मुताबिक, जेनेरेटर की क्षमता 70 केवीए की आवश्यक है.
अब सोलर ऊर्जा से होगी बिजली आपूर्ति
बिजली आपूर्ति अब सोलर ऊर्जा से की जायेगी. इसके लिए बिहार रिन्युवल एनर्जी ने अस्पताल में 25 केवीए का सोलर सिस्टम लगाने का काम शुरू किया है. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने ब्रेडा कंपनी को जगह भी दी है. काम प्रगति पर है. हालांकि, यह टेंडर कब हुआ इससे सभी अनभिज्ञ हैं.
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