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अस्पताल ही बदहाल: साल भर से एंबुलेंस सेवा बंद
सासाराम (ग्रामीण): सदर अस्पताल में लगभग एक वर्ष से आपातकालीन एंबुलेंस सेवा बंद पड़ी है. इस दिशा में न तो संबंधित अधिकारी कोई कार्रवाई करते हैं और न ही खराब पड़े एंबुलेंस को ठीक कराने की दिशा में कोई पहल की जा रही है. इससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही […]
सासाराम (ग्रामीण): सदर अस्पताल में लगभग एक वर्ष से आपातकालीन एंबुलेंस सेवा बंद पड़ी है. इस दिशा में न तो संबंधित अधिकारी कोई कार्रवाई करते हैं और न ही खराब पड़े एंबुलेंस को ठीक कराने की दिशा में कोई पहल की जा रही है. इससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही नहीं, मरीजों को बाहर से एंबुलेंस लेने में चार गुना अधिक खर्च वहन करना पड़ता है. बावजूद प्रशासन की नींद खुल नहीं रही है. इससे मरीजों में आक्रोश है. गौरतलब है कि सदर अस्पताल में एंबुलेंस सेवा-102 के दो एंबुलेंस है. दूसरी ओर, एंबुलेंस सेवा-108 के तहत भी दो एंबुलेंस सदर अस्पताल में हैं, जिन्हें अस्पताल प्रबंधन तो ठीक बताया है, पर चालक इस खराब बताते हैं.
क्या थी व्यवस्था: एंबुलेंस सेवा-102 सीनियर सिटीजन, गंभीर मरीज, प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला व अन्य लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही थी. लेकिन, फिलहाल सेवा बंद रहने के कारण मरीज लाभ से वंचित हो रहे हैं. गौरतलब है कि सात किलोमीटर तक कोई शुल्क नहीं देना पड़ता था. इससे अधिक दूरी तय करने पर उसके लिए तय किये गये रुपये देने पड़ते हैं. लेकिन, अधिकारियों की लापरवाही के कारण फिलहाल यह सेवा बंद है.
खराब पड़ी हैं एंबुलेंस
विगत एक वर्ष से सदर अस्पताल के दो एंबुलेंस खराब पड़ी हैं. विभाग के पास उसकी मरम्मती व मेंटेनेंस के रुपये भी उपलब्ध हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी एंबुलेंस को दुरुस्त करवाने की जहमत उठाना नहीं चाह रहे हैं. इससे मरीजों को परेशानी हो रही है. वहीं, विभाग के अधिकारी इस मामले में खामोश हैं. एंबुलेंस भी दिनों-दिन जजर्र हो रही है. यदि लंबे समय तक एंबुलेंस को यथास्थिति में छोड़ दिया जाये, तो उसकी मरम्मत में भी विभाग को अधिक रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं.
हड़ताल भी बनी बाधक
एंबुलेंस चालक अपने मानदेय व विशेष सुविधा के लिए एक वर्ष के भीतर दो बार आंदोलन किया व अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इसके कारण एंबुलेंस लंबे समय तक खड़ी रही. इससे कई जगहों की एंबुलेंस खराब भी हो गयीं. हालांकि, एंबुलेंस चालकों को हड़ताल से कुछ राहत तो नहीं मिली, लेकिन एंबुलेंस व मरीजों की हालत काफी दयनीय हो गयी.
खर्च करने पड़ते हैं अतिरिक्त रुपये
एंबुलेंस सेवा बंद होने से काफी परेशानी हो रही है. किराये पर एंबुलेंस लेने में अतिरिक्त रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इससे रुपये की बरबादी होती है. स्वास्थ्य विभाग दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है.
मनोज कुमार,मरीज पंजाबी मुहल्ला,सासाराम
पांच दिनों में ही हो जायेगी मरम्मत
एंबुलेंसों की मरम्मत महज पांच दिनों के भीतर करायी जायेंगी. इसके लिए संबंधित लोगों को निर्देश दिया जा चुका है. शीघ्र ही सदर अस्पताल में एंबुलेंस सेवा शुरू की जायेगी. फिलहाल, एंबुलेंस सेवा-108 काम कर रहा है. इसका उपयोग किया जा सकता है. गंभीर मामलों में एंबुलेंस सेवा-108 का उपयोग किया जा सकता है.
विजय कुमार गुप्ता,उपाधीक्षक,सदर अस्पताल सासाराम.
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