धड़ल्ले से हो रहा नकली बाट का इस्तेमाल
सासाराम (ग्रामीण) : शहर में सैकड़ों दुकानें ऐसी हैं, जिनके पास बांट का लाइसेंस नहीं है. यहीं नहीं, जिन दुकानदारों के पास लाइसेंस है, वे भी भौतिक सत्यापन के नाम पर महज खानापूर्ति ही करते हैं. स्थिति यह है कि बाजार में धड़ल्ले से नकली बाट का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे खरीदारों को काफी […]
सासाराम (ग्रामीण) : शहर में सैकड़ों दुकानें ऐसी हैं, जिनके पास बांट का लाइसेंस नहीं है. यहीं नहीं, जिन दुकानदारों के पास लाइसेंस है, वे भी भौतिक सत्यापन के नाम पर महज खानापूर्ति ही करते हैं.
स्थिति यह है कि बाजार में धड़ल्ले से नकली बाट का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे खरीदारों को काफी नुकसान हो रहा है. दीगर बात तो यह है कि सब कुछ जानते-समझे हुए अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. सामान कम देने पर आये दिन दुकानदारों व खरीदारों में तू-तू-मैं-मैं होती रहती है, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है.
नहीं किया जा सका उपभोक्ताओं को जागरूक: भले ही सरकार उपभोक्ताओं को ऐसी ठगी से बचाने के लिए कई प्रकार की व्यवस्था की हो व उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी दिया है, लेकिन धरातल पर नहीं उतर पाया है. लोगों को जागरूक किये बिना ऐसी व्यवस्था का कोई मतलब नहीं है. उपभोक्ताओं को न्याय तभी मिल सकता है, जब उन्हें अपने अधिकार की जानकारी होगी. तभी वे सही गलत की पहचान कर सकते हैं.
लोगों को अधिकारी की जानकारी नहीं
जो समान खरीदे जाते हैं, घर लाने के बाद पुन: उस समान का वजन करने पर वह कम जाता है. इससे स्पष्ट है कि दुकानदार नकली बांट का प्रयोग कर रहे हैं.
विनोद पांडेय, कुराइच, सासाराम
समान खरीदे जाते हैं, लेकिन उसका वजन ठीक नहीं होता है. ना ही बांट का विभाग द्वारा सत्यापन किया जाता है. विभाग ने उपभोक्ताओं को इसके लिए जागरूक भी नहीं किया, ताकि वे अपने अधिकार के प्रति सतर्क हो सके.
शशि प्रकाश, काली स्थान,सासाराम
शीघ्र होगी कार्रवाई
नकली बांट के लिए सत्यापन व लाइसेंस अनिवार्य है. इसके लिए विभागीय अधिकारियों से बात की जायेगी व इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की दिशा में पहल होगी. उपभोक्ताओं को भी समान खरीदने के बाद पक्का बिल मांगना चाहिए, नहीं मिलने की स्थिति में इसकी शिकायत अधिकारी से की जानी चाहिए. इसके लिए उपभोक्ता फोरम भी जिले में कार्यरत है.अमरेंद्र कुमार,एसडीओ,सासाराम