शहर में केवल सात बसें!

सासाराम (ग्रामीण) : राज्य पथ परिवहन की बसें 80-90 के दशक से ढाई गुना संख्या में कम चल रही है तथा विभाग के लक्षित निर्धारित समय पर बसें सासाराम नहीं पहुंच पाती है. विभागीय लापरवाही के कारण जहां मन होता है वहीं बसें रूक जाती है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, 20 वर्ष पूर्व 18 बसें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2013 5:29 AM

सासाराम (ग्रामीण) : राज्य पथ परिवहन की बसें 80-90 के दशक से ढाई गुना संख्या में कम चल रही है तथा विभाग के लक्षित निर्धारित समय पर बसें सासाराम नहीं पहुंच पाती है. विभागीय लापरवाही के कारण जहां मन होता है वहीं बसें रूक जाती है.

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, 20 वर्ष पूर्व 18 बसें जिले के विभिन्न मार्गो पर चलायी जाती थी, लेकिन अब केवल सात बसें ही चलायी जा रही है. इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

यही नहीं सासाराम बस स्टैंड में पहले आठ स्टाफ कार्यरत थे, लेकिन फिलहाल तीन स्टाफ ही कार्यरत हैं. यहां यात्रियों का आगमन पटना कार्यालय के भरोसे है. चूंकि, जो बसें पटना से सासाराम भेजी जाती है, वहीं बसें सासाराम से वापस लौटती है. हालांकि, सासाराम-पटना के लिए सात गाड़ी चलायी जा रही हैं.

निजी व सरकारी गाड़ियों के लिए एक ही बस स्टैंड है, जहां से प्राइवेट व निजी दोनों बसें चलायी जाती हैं. स्थानीय एजेंटों व बस मालिकों के कारण सरकारी बसों को यात्री नहीं मिल पाते हैं. इससे वाहनें कम हो गयी है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकारी गाड़ियों में बैठने वाले यात्री को जबरदस्ती प्राइवेट वाहनों में बैठा लिया जाता है. विरोध करने पर मारपीट की नौबत आ जाती है. फिलहाल, वाहनों के परिचालन कम होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

निजी वाहनों पर असर नहीं

बाबा सुपर बस के मालिक देवेंद्र कुमार पांडेय उर्फ फूलन पांडेय ने बताया कि सरकारी बसों से निजी वाहनों पर प्रभाव नहीं पड़ता है. दोनों अलग है. अपने-अपने हिसाब से चलाये जाते है. निजी बसों से सरकारी बसों को कोई परेशानी नहीं होती है.

लगते हैं कम रुपये

यात्री मदन मोहन पाल, रजनीकांत यादव व आकाश तिवारी की मानें तो सरकारी बसों पर यात्रा करने में पैसे व समय दोनों कम लगता है. इससे यात्रा आसान हो जाता है. निजी बस के एजेंटों से स्टैंड में झगड़ा की नौबत आ जाती है.

राजस्व में आयी कमी

सासाराम बस स्टैंड में राज्य पथ परिवहन विभाग के कार्यालय में तैनात समय पाल सह बुकिंग क्लर्क नागेंद्र प्रसाद ने बताया कि समय पर बस उपलब्ध नहीं होती है. बस पटना से उपलब्ध होता है. उसे निर्धारित समय पर चलायी जाती है. पटना से तय होता है कि फिलहाल राजस्व में कमी आयी है, जो चिंताजनक है.

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