अभियंता की जिद से परेशानी
चयनित योजनाओं का पांच माह बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हुआ काम
सासाराम (कार्यालय) : जिला परिषद, पंचायती राज विभाग का सर्वोच्च सदन माना जाता है. जिले के शहरी हिस्से को छोड़ सभी ग्रामीण इलाकों में विकास की सीढ़ी जिला पर्षद के माध्यम से ही शुरू होती है.
लेकिन, रोहतास जिला पर्षद में जिला अभियंता की जिद की वजह से पिछले चार माह से काम ठप पड़ा. गौरतलब है कि जिला परिषद बोर्ड द्वारा चार माह पूर्व ही निर्णय लिया गया था कि सात लाख रुपये तक की योजना बगैर टेंडर किये ही कराया जायेगा.
इसके संबंध में पंचायती राज विभाग के सचिव द्वारा संबंधित अधिकारियों को पत्र भी जारी किया गया था, लेकिन इसी बीच जिलाधिकारी द्वारा शहरी विकास अभिकरण के कार्यपालक अभियंता को जिला अभियंता का प्रभार सौंपा गया. जिला अभियंता रामानंद मंडल ने सात लाख से कम की योजनाओं को भी विभागीय स्तर से कराने की तैयारी शुरू कर दी.
इससे कई जिला पार्षदों में आक्रोश है और नाराजगी भी. उल्लेखनीय है कि 13वीं वित्त आयोग से जिला पर्षद द्वारा कार्य कराये जाने वाली योजनाओं का चयन हुए पांच माह बीत गये, लेकिन अधिकारियों की शिथिलता से अभी तक योजनाओं पर काम शुरू नहीं हो सका है. जिले के 12 प्रखंडों में 34 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दो माह पूर्व ही मिली थी, लेकिन अभी तक किसी केंद्र पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है.
वहीं, जिला अभियंता चयनित योजनाओं को निबंधित संवेदक से कराने पर तुले हुए हैं. इसे लेकर उन्होंने डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी व जिप अध्यक्षा को पत्र लिख निबंधित संवेदकों की सूची सौंपने का उल्लेख कर पत्र जारी किया है. इसे लेकर पार्षदों के एक गुट में जहां भारी आक्रोश है, वहीं कई पार्षदों ने इससे क्षुब्ध होकर जिला परिषद कार्यालय में ताला जड़ने की बात कह रहे हैं.