सासाराम (ग्रामीण) : विभागीय अधिकारियों की अकर्मण्यता के कारण रेलवे में सफर का मुश्किल हो गया है. रेल कार्यालयों व बुकिंग काउंटर पर दलालों का कब्जा है. इससे यात्रियों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है. बुकिंग काउंटर पर आम लोगों के लिए टिकट ले पाना मुश्किल भरा काम है.
वहीं, बुकिंग ऑफिस के सामने रेलवे द्वारा जारी किया गया टिकट धड़ल्ले से ऊंची कीमतों पर बेचा जा रहा है. एक वर्ष में रेल पुलिस नौ दलालों को पकड़ कर जेल भेज चुकी है. बुकिंग क्लर्क की मिली भगत से टिकट ब्लैकमेल किया जा रहा है. आरक्षण काउंटर पर भी दलालों की कतार लगी रहती है.
इधर, पूछताछ काउंटर पर कोई कर्मचारी नहीं रहता, जिससे किसी भी ट्रेन के आने व जाने की सूचना नहीं मिल पाती है. कभी-कभी तो स्थिति यह हो जाती है कि यात्री स्टेशन पर बैठे रह जाते हैं और ट्रेन की खबर नहीं दी जाती व ट्रेन पास भी कर जाती है. रेल अधिकारी अपना दोष एक-दूसरे के माथे मढ़ देते हैं. जबकि, स्टेशन मास्टर इसका मुख्य जिम्मेदार होता है.
इधर, टिकट के मामले में दलाल यात्रियों के साथ मारपीट पर भी उतारू रहते हैं. महज कुछ दिन पहले आरपीएफ ने दलालों को गिरफ्तार किया था. रेलकर्मियों के बचाव में यूनियन भी सक्रिय हो जाता है.