अतिक्रमणकारियों का सड़कों पर बोलबाला

बिक्रमगंज (कार्यालय) : शहर के सभी चौक-चौराहे, मुख्य पथ, गलियों में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. हर जगह शहर की सूरत बिगाड़ने वाले लोगों का बोलबाला है. स्थानीय प्रशासन के प्रयास के बावजूद अतिक्रमणकारी अपना अतिक्रमण हटाने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसे प्रशासन की विफलता माना जाये या मिली भगत, यह यक्ष प्रश्न बना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2015 7:29 AM
बिक्रमगंज (कार्यालय) : शहर के सभी चौक-चौराहे, मुख्य पथ, गलियों में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. हर जगह शहर की सूरत बिगाड़ने वाले लोगों का बोलबाला है. स्थानीय प्रशासन के प्रयास के बावजूद अतिक्रमणकारी अपना अतिक्रमण हटाने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसे प्रशासन की विफलता माना जाये या मिली भगत, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है.
गौरतलब है कि शहर में विभिन्न चौक-चौराहे के अलावा सभी मुख्य पथों में मकान मालिक अपने घरों के आगे अपने मकान से फुटपाथों तक को अपने कब्जा में कर किराये पर लगा दिये हैं. इसके अलावा सभी मुख्य गलियों में भी अतिक्रमणकारियों का कब्जा है.
कोई अपने घर के सामने गली में सीढ़ी बनाया है, तो कोई गली में मवेशियों का नाद बना दिये हैं. नगर पंचायत द्वारा कई बार अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया, लेकिन कभी भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. बताया जाता है कि अतिक्रमणकारियों के सामने नगर पंचायत प्रशासन बौना साबित हो रहा है. शहर में अतिक्रमण के कारण सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल आने-जाने वाले बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों को हो रही है. सड़क जाम की समस्या निरंतर बनी रहती है.
इससे सड़कों पर पैदल चलने में भी डर लगता है. वहीं, सड़क पार कर पाना भी एक बड़ी समस्या बन गयी है. स्थानीय प्रशासन द्वारा तेंदुनी चौक के चारों ओर बोर्ड लगाया गया है, जिन पर अंकित है कि चौक से 500 मीटर की दूरी तक किसी तरह के वाहनों की पार्किंग वर्जित है.
लेकिन, चौक के पास ही वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है. प्रशासन या नगर पंचायत द्वारा कभी भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश राम बताते हैं कि नगर पंचायत के कार्य से हमें समय नहीं मिलता है कि अतिक्रमण के विषय में सोच भी सकें. स्थानीय प्रशासन से इसमें कोई सहयोग नहीं मिलता है.

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