सासाराम (ग्रामीण) : राज्य सरकार राजस्व को बढ़ाने के लिए भले ही शराब की दुकानें पंचायत स्तर पर खुलवा दी है, लेकिन शराब की लत से कई परिवार फूटी कौड़ी को मुहताज हो गया है तथा भावी पीढ़ी पर कुप्रभाव पड़ने लगा है.
शराब की लत में 30 प्रतिशत से ज्यादा छात्र बरबाद हो रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मसालेदार, देसी, विदेशी कुल मिला कर 260 दुकानें हैं, लेकिन इसके विपरीत 10 गुणा ज्यादा दुकानें अवैध (परचुनिया) के नाम से चलाये जाते हैं.
यही कारण है कि जिले के लगभग सभी गांवों में शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है. सच तो यह है कि आबकारी विभाग इन दुकानदारों के बताये ठिकानों पर छापे डालती है.
यहां दुकानदारों के माल के बजाय अन्य कि सी का माल का भंडारण एवं बिक्री होता है. परचुनिया के सवाल पर कई बार दो गुटों में भिड़ंत हो चुकी है.आबकारी विभाग दुकानदारों को फायदा पहुंचाने में मशगूल है.