सासाराम (नगर) : मनरेगा को धरातल पर उतारने व मजदूरों की मजदूरी भुगतान करने में कोताही बरतने वाले जिले की पांच मुखियाओं पर विभाग ने धीरे-धीरे शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
निर्देश के बावजूद अपने दायित्वों के प्रति बेफिक्र कोचस, बुढ़वल, पहलेजा, बरांव व चेनारी के मुखिया की सदस्यता भी जा सकती है. डीडीसी रामचंद्र डू के मुताबिक पूछे गये स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं होगा तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि इन पंचायतों में मनरेगा से संबंधित कार्यो की उपलब्धि शून्य है.
गौरतलब है कि अबतक मनरेगा में कोताही बरतने वाले डेहरी व रोहतास के प्रोग्राम पदाधिकारी के अलावा आधा दर्जन से अधिक पीआरएस को बरखास्त किया जा चुका है. ऐसा कयास लगाया जाने लगा है कि जवाब संतोषजनक नहीं रहा,तो पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपित मुखियाओं की सदस्यता समाप्त हो सकती है.