सासाराम (नगर) : मुख्य सड़क उबड़-खाबड़, लेकिन लिंक पथ होंगे चकाचक! अर्थात ऊपर से ठाट बाट परंतु अंदर..? इस कहावत को जिले में ग्रामीण कार्य विभाग चरितार्थ करनेवाला है. गांवों को पक्की सड़क से जुड़ने का सपना भले ही साकार हो जाये, लेकिन उन्हें जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए हिचकोले खा कर ही सफर तय करना पड़ेगा.
विभाग ने चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चयन किया है. इनमें अधिकतर अधूरी पड़ी मुख्य सड़क से गांवों को जोड़नेवाला पथ है. इनका कायाकल्प विभाग करेगा, लेकिन मजे की बात तो यह कि जब तक जिला मुख्यालय से जुड़ने वाली मुख्य सड़कों की माली हालत नहीं सुधरेगी तो एप्रोच पथ को चकाचक करने से ग्रामीणों को कितना लाभ मिलेगा. इसका जवाब विभाग के आलाधिकारियों के पास अभी तक मौजूद नहीं है.
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अलावा नाबार्ड संपोषित अधूरी पड़ी सड़कों के सवाल पर विभाग के पास संबंधित संवेदकों को डिफॉल्टर घोषित करने की बात के सिवाय ओर कुछ नहीं दिखता है. लिहाजा अधूरी सड़क को विभाग फिलहाल भगवान भरोसे छोड़ दिया है.