सासाराम (कार्यालय) : रोटी, कपड़ा और मकान के बाद किसी भी मनुष्य के लिए शिक्षा सबसे आवश्यक आवश्यकताओं में से एक है. शिक्षा के महत्व को तो सभी समझते हैं. इसके बावजूद शिक्षा की मौजूदा स्थिति में जिस आमूल-चूल परिवर्तन की आवश्यकता है. वह अब तक पूरी नहीं हो सकी है और यही कारण है कि सरकार की तमाम प्रयासों के बाद भी शिक्षा व्यवस्था की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ती चली जा रही है.
हालांकि, शिक्षा की जो परिपाटी अभी पूरे बिहार में है वहां शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने और बेहतर करने की सर्वाधिक जिम्मेवारी और जवाबदेही शिक्षकों के ऊपर ही है. यह दुर्भाग्य है कि बिहार के किसी वर्ग के शिक्षक चाहे वे प्राथमिक हो, माध्यमिक हो या उच्च शिक्षा अपनी जिम्मेवारियों को न समझ अपनी राजनीति करने और संघ की गतिविधियों के प्रचार-प्रसार में ही लगे रहते हैं.