सासाराम (कार्यालय) : इन दिनों पूरे बिहार में शिक्षकों का समूह दो भागों में बंट कर कार्य कर रहा है. इसमें नियमित यानी जो पुराने वेतनमान पर कार्यरत हैं और नियोजित यानी जो 2003 के बाद से सरकार द्वारा संविदा पर बहाल होकर शिक्षण संस्थानों से जुड़ कर कार्य कर रहे हैं.
इसमें पहले शिक्षामित्र के रूप में बहाली हुई थी, जिन्हें बाद में सेवा विस्तार देने के साथ उनके नियत वेतन में भी काफी बढ़ोतरी की गयी.
लेकिन, मौजूदा हालात यह है कि पूरे बिहार में शिक्षकों के दो गुट कार्य कर रहे हैं. जहां तमाम शिक्षक अपने मूल पेशेवर कार्यो को छोड़ नियमित-नियोजित के चक्कर में पड़ सरकार पर सिर्फ दबाव बनाने और अपनी राजनीति करने में लगे हुए हैं.
इसका नतीजा है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य लगातार प्रभावित हो रही है. इसकी फिक्र करने के लिए न तो कोई संघ तैयार है और न कोई शिक्षक.