शाम ढलते ही अंधेरे में शहर
शहर के लोग नगर पर्षद को टैक्स तो दे रहे हैं, लेकिन किसी तरह की सुविधा उन्हें नहीं मिल रही है. खासकर शहर में हाइमास्ट लाइटें तो लगी हैं, लेकिन इनमें से कोई जल नहीं रही है. जिले के वरीय अधिकारी भी कभी इसका संज्ञान नहीं लेते. सासाराम (रोहतास) : शहर में रहनेवालों लोगों को […]
शहर के लोग नगर पर्षद को टैक्स तो दे रहे हैं, लेकिन किसी तरह की सुविधा उन्हें नहीं मिल रही है. खासकर शहर में हाइमास्ट लाइटें तो लगी हैं, लेकिन इनमें से कोई जल नहीं रही है. जिले के वरीय अधिकारी भी कभी इसका संज्ञान नहीं लेते.
सासाराम (रोहतास) : शहर में रहनेवालों लोगों को शहर में मिलने वाली सुविधाओं के लिए अब भी इंतजार है. शहर में व्यवस्था बनाये रखने व सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नगर पर्षद तो है, लेकिन इसकी तरफ कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. शहर में रात में जगमग रोशनी फैलाने के लिए जगह-जगह हाइमास्ट लाइट लगाया गया है. लेकिन, सही देख-रेख नहीं होने से इनमें से अधिकतर शोभा की वस्तु ही बनी हैं.
शहर में खराब पड़ी दर्जनों हाइमास्ट लाइटों की तरफ तो कभी नगर पर्षद के कर्मचारियों का ध्यान गया ही नहीं है. बेमौसम थोड़ी सी बरसात हो जाने पर शहर के चौक-चौराहों पर बने गड्ढों में पानी जमा हो जाता है. ऐसे में इन लाइटों के नहीं जलने रात में आना-जाना कितना परेशानी भरा होता होगा अंदाजा लगाया जा सकता है. साथ ही चोर-उचक्कों का भी डर बना रहता है.
शहर के पोस्ट ऑफिस चौक पर शाम ढलते ही अंधेरा पसर जाता है. नगर पर्षद के नाक के नीचे विगत कई माह से लगे हाइमास्ट लाइट शोभा की वस्तु बनी हुई है, परंतु इसको बनाने का प्रयास आजतक नहीं किया जा सका. इसका खमियाजा शाम होने के बाद पोसट ऑफिस चौक से गुजर रहे राहगीरों को भुगतना पड़ता है.
शाम ढलते ही चौक के आसपास का नजारा अंधकारमय हो जाता है. इसका फायदा चोर उचक्के उठा कर यात्रियों व राहगीरों के रुपये व समान लूट कर चंपत हो जाने में सफल हो जाते हैं. समीप में ही बस स्टैंड होने के कारण रात में भी यात्रियों का आवागमन जारी रहता है.ऐसे में चोर उचक्के अंधेरे में पहले से घात लगाये बैठे रहते है. हाल के दिनों में छिना-झपटी के कई मामले सामने आये हैें.