पांच सौ शिक्षकों को मिलेगा तोहफा

मिडिल स्कूलों में खाली पड़े प्रधानाध्यापक के पदों पर स्नातकोत्तर डिग्रीधारी शिक्षकों को मिलेगा मौका सासाराम (नगर) : नये साल में स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान के पद पर प्रोन्नत लगभग पांच सौ स्नातकोत्तर डिग्री धारी शिक्षकों को विभाग तोहफा देने वाला है. वर्षो से मिडिल स्कूलों में खाली पड़े प्रधानाध्यापकों के पदों को इन्हीं शिक्षकों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2014 5:22 AM

मिडिल स्कूलों में खाली पड़े प्रधानाध्यापक के पदों पर स्नातकोत्तर डिग्रीधारी शिक्षकों को मिलेगा मौका

सासाराम (नगर) : नये साल में स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान के पद पर प्रोन्नत लगभग पांच सौ स्नातकोत्तर डिग्री धारी शिक्षकों को विभाग तोहफा देने वाला है. वर्षो से मिडिल स्कूलों में खाली पड़े प्रधानाध्यापकों के पदों को इन्हीं शिक्षकों से भरने का मन बनाया है.

औपबंधिक मेधा सूची पर लगी मुहर : विभाग की स्थापना समिति ने हेडमास्टर के पद पर प्रोन्नत होने वाले शिक्षकों की औपबंधिक मेधा सूची पर मुहर लगा दी है. तैयार सूची पर आपत्ति लेने के बाद विभाग उसे अंतिम रूप दे देगा.

शुरू हुआ चूहा-बिल्ली का खेल : पदोन्नति की भनक लगते ही शिक्षकों की दफ्तर परिक्रमा शुरू हो गयी है. प्रोन्नति योजना का लाभ लेने वाले शिक्षक मनचाही पोस्टिंग की जुगत में अभी से हीं जुट गये हैं, लेकिन विभाग पोस्टिंग की प्रक्रिया किस तरह अपनाता है यह आने वाला समय बतायेगा.

लेकिन, इतना तय है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर एक बार शिक्षा विभाग में चूहा-बिल्ली का खेल शुरू होगा. इस खेल में किस शिक्षक को मनचाहा स्कूल मिलता है और किसे कैमूर पहाड़ी का विद्यालय.

खाता संचालन में होगा बदलाव: पिछले डेढ़ साल में स्कूलों में खुले खातों के संचालन में तीसरी बार बदलाव हो सकता है. हेडमास्टर के पद भर जाने के बाद यदि स्कूल में नये शिक्षकों की पदस्थापना प्रधानाध्यापक के रूप में होता है, तो वहां नये सिरे खाताधारी के नाम में बदलाव होगा.

गौरतलब है कि जुलाई 2012 में विभाग ने 775 शिक्षकों को स्नातक कला व विज्ञान के वेतनमान के पद पर प्रोन्नति देते हुए स्कूलों में पोस्टिंग की थी, लेकिन प्रोन्नति से वंचित 1994 व 1999 में बीपीएसी से बहाल 121 शिक्षकों ने हाइ कोर्ट में याचिका दाखिल कर प्रोन्नति प्रक्रिया को चुनौती दी थी.

इसके अलावा पोस्टिंग से नाखुश शिक्षकों का एक संगठन ने आरडीडीइ के यहां आवेदन देकर पदस्थापन में नियम की अनदेखी करने का आरोप लगाया था. हाइकोर्ट व आरडीडीइ के आदेश के आलोक में विभाग ने अप्रैल, 2013 में प्रोन्नति प्रक्रिया में संशोधन करते हुए नये सिरे से शिक्षकों की पोस्टिंग की थी, जिसमें कई शिक्षकों को मूल विद्यालय मिला था तो किसी को दूसरा स्कूल.

वंचित शिक्षकों के मुद्दे पर चुप्पी: अप्रैल 2013 में जो शिक्षक प्रोन्नति को गंवा बैठे थे उस मामले में आरडीडीइ के आदेश पर विभाग वर्तमान में चुप्पी साध रखा है. विभागीय सूत्रों की मानें, तो हेडमास्टर के पद पर शिक्षकों को प्रोन्नति देने के बाद ही वंचित शिक्षकों पर विचार करेगा.

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