नये आशियाने का सपना टूटा
सासाराम (ग्रामीण) : जिले के कई जगहों पर भवन सामग्री नहीं मिलने से निर्माण कार्य अधर में लटक गया है तथा भवन बनाने के समापन वर्तमान में अधूरा रह सकता है. खास कर सरकारी भवन तो बना पाना असंभव प्रतीत होता है. चूंकि प्राक्कलन के दर पर सामग्री उपलब्ध करना मुश्किल हो गया है. खनन […]
सासाराम (ग्रामीण) : जिले के कई जगहों पर भवन सामग्री नहीं मिलने से निर्माण कार्य अधर में लटक गया है तथा भवन बनाने के समापन वर्तमान में अधूरा रह सकता है. खास कर सरकारी भवन तो बना पाना असंभव प्रतीत होता है.
चूंकि प्राक्कलन के दर पर सामग्री उपलब्ध करना मुश्किल हो गया है. खनन विभाग ने लंबे अरसे से पत्थर खनन पर पाबंदी लगा दी है. इस कारण गिट्टी की कीमतें डेढ़ गुना बढ़ गया है.
वहीं, फिलहाल बालू के खनन पर भी रोक लग गया है. इससे 1600 रुपये प्रति सौ सीएफटी मिलने वाला बालू 3500 रुपये प्रति सौ सीएफटी(वह भी चोरी से) बालू बाजारों में बिक रहा है. इससे निर्माणाधीन भवन का कार्य फिलहाल अधर में लटक गया है. चल रहे कुछ क्रशर भी तीन दिनों से ठप पड़े हैं.
इससे भवन बनाने का सपना अधूरे ही रह जाने के अनुमान है. फिलहाल निजी भवन बनाना भी असंभव हो गया है. ठेकेदार व प्राइवेट कंस्ट्रक्शन में लगे लोग बालू व पत्थर पर लगे रोक को समाप्त होने की प्रतीक्षा करने लगे हैं. जानकारी के अनुसार, वर्तमान परिवेश में चालान उपलब्ध नहीं है, चूंकि नीलामी का मामला अधर मे लटका हुआ है.