किसानों के सामने चुनौती
मौसम के मिजाज से गेहूं के कम उत्पादन की आशंका सासाराम (ग्रामीण) : मौसम के बदलते मिजाज व तापमान के स्थिर रहने के कारण गेहूं की अच्छी पैदावार होने पर शंका है. स्थिति व तापमान में गिरावट नहीं आयी, तो किसानों के सामने गेहूं की बुआई बड़ी चुनौती हो सकती है. यह मानना है कृषि […]
मौसम के मिजाज से गेहूं के कम उत्पादन की आशंका
सासाराम (ग्रामीण) : मौसम के बदलते मिजाज व तापमान के स्थिर रहने के कारण गेहूं की अच्छी पैदावार होने पर शंका है. स्थिति व तापमान में गिरावट नहीं आयी, तो किसानों के सामने गेहूं की बुआई बड़ी चुनौती हो सकती है. यह मानना है कृषि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों का.
जिले में इस बार 1.40 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती के साथ 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है. वहीं, गेहूं की बुआई का समय 15 सितंबर तक ही ठीक माना जाता है.
लेकिन, रोहतास में इस बार 25 दिसंबर को सोन नहरों में पानी छोड़े जाने से गेहूं की बुआई समय पर नहीं की जा रही है. चूंकि लगभग 20 हजार हेक्टेयर भूमि उखड़ गये थे, जिसमें पटवन के बाद बुआई की जा सकी. ठंड कम पड़ने से भी गेहूं की पैदावार में गिरावट आने की संभावना है.
नवंबर, 2013 में औसतन अधिकतम तापमान 27.42 सेल्सियस व न्यूनतम 15.2 सेल्सियस रहा, जबकि दिसंबर, 2013 में अधिकतम 23.21 व न्यूनतम 10.4 सेल्सियस आंका गया है. ऐसी स्थिति में गेहूं उत्पादन के लक्ष्य में कमी आने की आशंका है. चूंकि ठंड कम पड़ने से खेतों में नमी नहीं होती है. इससे बीज कम अंकुरते हैं.
वहीं, वित्त वर्ष, 2013 में आये तूफान से धान की फसल की उत्पादन में भी लगभग 10 प्रतिशत गिरावट आयी है. हालांकि, जिला प्रशासन ने उत्पादन लक्ष्य प्राप्ति के लिए खाद उपयरुक्त मात्र में उपलब्ध कराया है.
वर्तमान स्थिति में रासायनिक खादों की किल्लत नहीं है. लेकिन, सवाल है कि खाद रह कर क्या करेगा तब केहूं जमेगा ही नहीं. ऐसी स्थिति में किसानों के सामने बड़ी चुनौती खड़ा हो सकता है. चूंकि सोन नहरों में भी टेल एंड क पानी अब पहुंच नहीं सका है.