दैनिक भुगतान पर होगा खनन
सासाराम (कार्यालय) : गिट्टी के बाद जिले में बालू की कमी होने से ऐसा लगने लगा था कि रोहतास में खनन से जुड़े सभी क्षेत्रों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जायेगा. लेकिन, बालू खनन के लीज खत्म होने के एक सप्ताह के भीतर ही सरकार ने बालू खनन पर लगी रोक हटाते हुए तत्काल […]
सासाराम (कार्यालय) : गिट्टी के बाद जिले में बालू की कमी होने से ऐसा लगने लगा था कि रोहतास में खनन से जुड़े सभी क्षेत्रों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जायेगा. लेकिन, बालू खनन के लीज खत्म होने के एक सप्ताह के भीतर ही सरकार ने बालू खनन पर लगी रोक हटाते हुए तत्काल प्रभाव से सरकारी कार्यो व लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए खनन जारी रखने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया है. खान व भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान ने खनन विभाग व जिला प्रशासन को पत्र जारी कर इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिया है.
प्रधान सचिव ने पत्रांक संख्या 58एन/2014 के माध्यम से आदेश जारी किया है कि दैनिक संचालन के संबंध में राजस्व हित को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2013-14 के आधार पर अग्रिम भुगतान द्वारा रोहतास के सोन नद में बालू का खनन अगले आदेश तक जारी रहेगा. जहां निवर्तमान चैंपियन ग्रुप ऑफ कंपनी को दैनिक भुगतान के रूप में 15.77 लाख भुगतान के साथ इनकम टैक्स व सेल टैक्स अदा करने के बाद ही खनन जारी रखा जा सकेगा.
वहीं इनकम टैक्स 2.06 फीसदी व सेल्स टैक्स के रूप में पांच प्रतिशत राशि अलग से देनी होगी. विदित हो कि सोन नद में बालू के खनन पर पटना उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी. खनन विभाग के सहायक निदेशक व डीएम के ओएसडी जिआउर रहमान ने बताया कि लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए जनहित में खान व भूतत्व विभाग ने अगले आदेश पारित होने तक पूर्व के खनन पट्टेधारी कंपनी मेसर्स चैंपियन ग्रुप ऑफ कंपनी को खनन का अधिकार दिया गया है.
वहीं, चैंपियन ग्रुप ऑफ कंपनी के प्रोपराइटर आलोक कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने दैनिक भुगतान के आधार पर अगले आदेश तक बालू खनन का निर्देश दिया है. सोन नद में बालू का खनन अभी जारी है. वहीं, सोन नद में बालू के उठाव शुरू होने से स्थानीय लोगों में भी हर्ष है.
चूंकि पिछले आठ दिनों में ही बालू की कीमतें आसमान छूने लगी थीं. आम लोगों के अलावा सरकारी कार्यो में भी बालू की किल्लत से कार्य प्रभावित हो रहे थे. देर से ही सरकार के इस निर्णय से संबंधित कंपनी सहित आम लोगों के लिए भी राहत की बात है.