कूड़े से भरा 84 लाख में बना नाला

शेरशाह सूरी मकबरे के पास के तालाब को गंदा पानी से बचाने के लिए बना नाला थोड़े दिन में ही कचड़े से भर गया है़ करीब पांच सौ मीटर के नाले के निर्माण में लगभग 84 लाख रुपये खर्च हुए थे़ अब इसके सौ मीटर की दूरी के मरम्मत पर करीब पांच लाख रुपये खर्च […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2016 7:52 AM
शेरशाह सूरी मकबरे के पास के तालाब को गंदा पानी से बचाने के लिए बना नाला थोड़े दिन में ही कचड़े से भर गया है़ करीब पांच सौ मीटर के नाले के निर्माण में लगभग 84 लाख रुपये खर्च हुए थे़ अब इसके सौ मीटर की दूरी के मरम्मत पर करीब पांच लाख रुपये खर्च करने की योजना है़ इसका लाभ नहीं होने वाला है, क्याेंकि इसका पूरा इलाका भरा हुअा है.
सासाराम : शहर के ऐतिहासिक शेरशाह सूरी के मकबरा के पास के तालाब में मूर्ति विसर्जन, स्नान, कपड़ा धोने पर हाइकोर्ट ने पांच वर्ष पहले ही प्रतिबंध लगा दिया था. इस ऐतिहासिक तालाब के पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी कोर्ट ने आदेश पारित किया था. तालाब में पानी लाने के लिए इनलेट नहर को ह्यूम पाइप का नाला बनाने का निर्णय हुआ. ह्यूम पाइप के नाला निर्माण से पहले इनलेट नहर के दोनों ओर नाला निर्माण की योजना नगर विकास विभाग ने बनायी. आनन-फानन में करीब 84 लाख रुपये के प्राक्कलन की योजना पर कार्य शुरू हुआ.
इनलेट नहर के दोनों ओर नाले का निर्माण शुरू होते ही उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे. मामला विधान सभा में भी उठा. इसके बाद योजना की जांच भी हुई थी. लेकिन, जांच के बाद कार्रवाई लगभग शून्य है. हाल के दिनों में नाला कई जगह ध्वस्त हो चुका है. पांच सौ मीटर लंबे इस नाले में कई जगह लोगों ने कूड़े से भर दिया है. आलम यह है कि वर्तमान समय में नाला से पानी निकलना मुश्किल है़ इसके बावजूद नगर पर्षद इस नाले के सौ मीटर के भाग की मरम्मत के लिए करीब पांच लाख रुपये खर्च करने में लगा है. आस-पास के लोगों का कहना है कि जब नाले से पानी निकल ही नहीं रहा तो इसके कुछ भाग की मरम्मत कराने का क्या मतलब होता है़ उसमें भी इतनी मोटी राशि खर्च करने की योजना है़
जिस इनलेट नहर को गंदा होने से बचाने के लिए उसके दोनों ओर नाला निर्माण पर करीब 84 लाख रुपये खर्च कर दिये गये. वह इनलेट नहर कीचड़ से भरा है. इस में पानी का बाहव नहीं है. सिंचाई विभाग के अधिन होने से नहर के सफाई की जिम्मेदारी भी उसी की बनती है. वर्तमान में नहर में आस-पास के लोगों द्वारा कचरा फेंका जा रहा है. इससे नहर के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है.

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