बोतलबंद पानी की गुणवत्ता की होगी जांच : एसडीओ
बॉटलिंग प्लांट व उसके स्थल का होगा निरीक्षण शहर के बॉटलिंग प्लांटों की उद्योग विभाग करेगा जांच सासाराम (शहर) : जिले में तेजी से बढ़ रहे बोतल बंद पानी के व्यवसाय पर प्रशासन की नजर है़ बोतल बंद पानी की गुणवत्ता की अब विधिवत जांच करायी जायेगी. साथ ही बॉटलिंग प्लांटों के स्थल का निरीक्षण […]
बॉटलिंग प्लांट व उसके स्थल का होगा निरीक्षण
शहर के बॉटलिंग प्लांटों की उद्योग विभाग करेगा जांच
सासाराम (शहर) : जिले में तेजी से बढ़ रहे बोतल बंद पानी के व्यवसाय पर प्रशासन की नजर है़ बोतल बंद पानी की गुणवत्ता की अब विधिवत जांच करायी जायेगी. साथ ही बॉटलिंग प्लांटों के स्थल का निरीक्षण व उनके उपकरणों की जांच होगी. शहर के आबादी के बीचों बीच स्थित दर्जन भर बॉटलिंग प्लांटों के रजिस्ट्रेशन की जांच भी उद्योग विभाग द्वारा शुरू किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर की टीम ने शहर में तेजी से फैल रहे बोतल बंद पानी के व्यवसाय की गहन जांच पड़ताल कर सोमवार के अंक में एक खबर ‘रोज 50 हजार लीटर की खपत’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया़ इसके बाद प्रशासन इस पर संज्ञान लेते हुए बोतल बंद पानी के प्लांटों की जांच व निरीक्षण स्थल की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
इस संबंध में एसडीओ अमरेंद्र कुमार ने बताया कि बोतल बंद पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए सिविल सर्जन व शहर के बीच चल रहे बॅटलिंग प्लांटों के रजिस्ट्रेशन के संबंध में उद्योग विभाग से सूची तैयार करने को कहा गया है. सूची तैयार होने के बाद मानको पर खरा नहीं उतरने वाले बाटलिंग मालिकों प्लांट पर उचित कार्रवाई की जायेगी.
गौरतलब है कि शहर में इन दिनों दर्जन भर से अधिक बॉटलिंग प्लांट चल रहे है. जिनमें अधिकतर प्लांटों पास शुद्ध पानी को मापने का कोई पैमाना नहीं है. औसतन 20 लीटर वाला 150 जार (बोतल) प्रति बाटलिंग प्लांट प्रतिदिन खपत शहर में होती है. जबकि, बड़ी कंपनियों व अन्य शहरों से आये बोतल बंद पानी इनके अतिरिक्त बिकते हैं.