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दो इकाई महीनों से बंद

चिंता. हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन केंद्र पर मंडरा रहा खतरा बिजली की कमी का रोना उपभोक्ताओं से लेकर विभागीय अधिकारी तक रो रहे हैं. लेकिन जो संसाधन हैं, उसका देखरेख व उचित इस्तेमाल नहीं हो रहो है़ सन् 1991 में शुरू हुआ हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन केंद्र की चार में से दो इकाईयां काफी समय से बंद […]

चिंता. हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन केंद्र पर मंडरा रहा खतरा

बिजली की कमी का रोना उपभोक्ताओं से लेकर विभागीय अधिकारी तक रो रहे हैं. लेकिन जो संसाधन हैं, उसका देखरेख व उचित इस्तेमाल नहीं हो रहो है़ सन् 1991 में शुरू हुआ हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन केंद्र की चार में से दो इकाईयां काफी समय से बंद है़ फिलहाल चल रही दो इकाईयों से 22 किलोवाट बिजली का उत्पादन हो रहा है़
डेहरी (सदर) : शहर स्थित सोन पश्चिमी संयोजक नहर पर बने पानी से बिजली उत्पादन केंद्र का बुरा हाल है. इस हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन केंद्र का सही रख-रखाव नहीं होने के कारण कई उपकरण खराब हो गये हैं. इस उत्पादन केंद्र में चार इकाई है, जिसमें से दो इकाई कई महीनों से बंद पड़ा है. बाकी दो जो चालू हालत में है वह भी कब बंद हो जाये कहा नहीं जा सकता. इसका असर बिजली उत्पादन पर पड़ रहा है.
गौरतलब है कि इस उत्पादन केंद्र का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने 12 अप्रैल, 1991 को किया था. हालांकि, उत्पादन केंद्र के संचालन का जिम्मा बिहार स्टेट हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर काॅरपोरेशन ने एक एजेंसी को दे रखा है. बावजूद सही देख-भाल नहीं होने की वजह से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. अधिकारी तो देखभाल की बात करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
12 अप्रैल 1991 में तत्कालीन सीएम ने किया था उद‍्घाटन
फिलहाल 22 सौ किलोवाट हो रहा बिजली का उत्पादन
हाइड्रो इलेक्ट्रिक के चार यूनिट में मात्र दो यूनिट से लगभग 22 किलोवाट की ही बिजली उत्पादन हो रहा है. विभागीय अधिकारी सक्रिय रहते, तो उत्पादन केंद्र में ज्यादा बिजली का उत्पादन होता. इससे लोगों को इसका बिजली कटौती में लाभ मिलता.
बोले लोग
शहरवासी भोला सिंह, दी
पक कुमार, आशुतोष कुमार चंदन सिंह आदि ने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. करोड़ों की लागत से बनी हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन केंद्र का रख-रखाव नहीं होने से बिजली उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. कई महीनों से उत्पादन केंद्र का दो यूनिट खराब है. इसके कारण दो यूनिट से ही बिजली उत्पादन हो रहा है. अगर उत्पादन केंद्र की मशीनों का रख-रखाव दुरूस्त होता तो लोगों को बिजली आपूर्ति में राहत मिलती. विभाग को चाहिए कि समय-समय पर उत्पाद केंद्र लगे मशीनों को ठीक करायें.
बोले अधिकारी
हाइड्रो इलेक्ट्रिक के प्रोजेक्ट इंचार्ज सुरेंद्र कुमार ने कहा कि हेडक्वार्टर को उत्पादन केंद्र का मशीन खराबी संबंधित सूचना दी गयी है. राशि आने पर मरम्मत करा दिया जायेगा.

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