मैट्रिक में 61 % फेल, पर नहीं सुधरी शिक्षा व्यवस्था

हाल शहर के चौखंडी पथ उच्च विद्यालय का सासाराम शहर : वर्ष 2016 की मैट्रिक परीक्षा में शहर के चौखंडी पथ उच्च विद्यालय के 473 छात्रों में से मात्र 291 छात्र ही पास हो पाये थे. उस समय बहुत धमाचौकड़ी मची थी. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार पूरी व्यवस्था को ही बदलना जरूरी था़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2016 7:47 AM
हाल शहर के चौखंडी पथ उच्च विद्यालय का
सासाराम शहर : वर्ष 2016 की मैट्रिक परीक्षा में शहर के चौखंडी पथ उच्च विद्यालय के 473 छात्रों में से मात्र 291 छात्र ही पास हो पाये थे. उस समय बहुत धमाचौकड़ी मची थी. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार पूरी व्यवस्था को ही बदलना जरूरी था़ सरकार के फरमान पर अधिकारी ही कड़ाई से परीक्षा लिये थे. बच्चे फेल किये, तो कहा गया कि विद्यालयों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाई जायेगी. कई दौर की बैठकें हुई.
नामांकन में कड़ाई रखा गया. शिक्षकों को ट्रेंड करने की बात हुई. बात छात्रों की उपस्थिति पर हुई. अब नामांकन का कार्य समाप्त हो चुका है. प्रभात खबर की टीम ने गुरुवार को उच्च विद्यालयों की पड़ताल की तो मामला उलटा निकला. पहले के हाल में ही गुरुवार को भी शैक्षणिक व्यवस्था नजर आयी. विद्यालय प्रबंधन गुणवतापूर्ण शिक्षा को प्रति उदासीन बना हुआ है. रौजा रोड स्थित इस विद्यालय में छात्रों के पठन-पाठन का सिर्फ कोरम पूरा कराया जा रहा है.
छात्र-छात्राएं विद्यालय में उपस्थित हो रहे हैं, लेकिन शिक्षकों के अभाव के कारण कई क्लास फांके में चले जा रहे हैं. हाजिरी बनते ही छात्रों का क्लास से जाना शुरू हो जाता है. प्रभारी प्राचार्या पद्मा रानी ने बताया कि इस वर्ष मैट्रिक की बेहतर रिजल्ट के लिए छात्रों को नियमित विद्यालय आने का निर्देश दिया गया है. उनके अभिभावकों से संपर्क कर छात्रों को नियमित स्कूल भेजने की अपील की जा रही है. गुणवत्तापूर्ण व सुचारु रूप से वर्ग संचालन के लिए शिक्षकों के साथ भी बैठक कर विचार विमर्श किया जा रहा है.
वर्ग से गायब रहते हैं शिक्षक
गुरुवार की दोपहर बारह बजे विद्यालय के अधिकतर छात्र कक्षा से बाहर घूमते दिखे. कक्षा में शिक्षक अनुपस्थित थे. छात्रों ने बताया कि जब क्लास में शिक्षक ही नही हैं, तो हमलोग उसमें बैठकर क्या करेंगे. कुल 11 शिक्षक में से सात विद्यालय में नहीं थे़ चार शिक्षक से पूरा विद्यालय नहीं चल सकता है. बोले क्लास नहीं है, तो हमलोग घूम रहे हैं.
अव्यवस्थित है प्रयोगशाला
विद्यालय की प्रयोगशाला भी अव्यवस्था का दंश झेल रहा है. अधिकतर यंत्र छात्रों के प्रयोग करने के लायक नहीं रह गये हैं. कुछ एक ठीक भी है, तो उसका प्रयोग कभी हुआ है, इसका पता नहीं चलता. प्रधानाध्यापिका सिर्फ इतना ही कहा कि जो व्यवस्था मिला है, उसी से काम चलाया जा रहा है. विश्वास है कि अगली परीक्षा में हमारे बच्चों का रिजल्ट ठीक होगा.

Next Article

Exit mobile version