रोक के बाद भी गिट्टी का आना बेधड़क जारी

अवैध तरीके से आ रही गिट्टी को पकड़ने के लिए पुलिस भी रहती है मुस्तैद डेहरी (कार्यालय) : अवैध तरीके से हो रहे गिट्टी के कारोबार को बंद करने के लिए कमर कसे रोहतास पुलिस को आखिर पूरी तरह सफलता क्यों नहीं मिल रही है. दर्जनों बार अवैध तरीके से चल रहे क्रशरों को ध्वस्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2016 7:47 AM
अवैध तरीके से आ रही गिट्टी को पकड़ने के लिए पुलिस भी रहती है मुस्तैद
डेहरी (कार्यालय) : अवैध तरीके से हो रहे गिट्टी के कारोबार को बंद करने के लिए कमर कसे रोहतास पुलिस को आखिर पूरी तरह सफलता क्यों नहीं मिल रही है. दर्जनों बार अवैध तरीके से चल रहे क्रशरों को ध्वस्त करने के लिए अभियान चलाये गये़ फिर भी उसी स्थान पर क्रशर कैसे चलने लगता है जांच का विषय है़ हालांकि, अवैध तरीके से गिट्टी लदे सैकड़ों वाहनों को पुलिस ने पकड़ा, लेकिन अधिकतर वाहनों के चालक गिरफ्त से बाहर ही रहे़ जानकारों का कहना है कि इस धंधे में फायदा इतना अधिक है कि लाखों रुपये के नये वाहन पकड़े जाने के बाद भी उनके ऊपर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता.
इस धंधे में लगे लोग चालक को बचाने का भरपूर सफल प्रयास करते हैं न कि वाहन को छुड़ाने का. लोग यह भी कहते हैं कि शहर के किसी भी सड़क में आप जायें करवंदिया पहाड़ी के पत्थर वाला गिट्टी सड़क किनारे गिरी मिल जायेगी. अब कुछ स्थलों पर झारखंड की गिट्टी से भी लोग मकान निर्माण का कार्य करा रहे हैं.
गिट्टी की भी पहचान : झारखंड की गिट्टी को जानकार मरे पत्थर की गिट्टी के रूप में देखते हैं. वहीं, करवंदिया पहाड़ी के पत्थर को जिंदा पत्थर की गिट्टी बताते है. झारखंड से आने वाली गिट्टी काले रंग की होती है, जबकि करवंदिया पहाड़ी का सफेद व भूरे रंग का. उन दोनों गिट्टी के रंग व पत्थर की क्वालिटी से यह पहचान किया जा सकता है कि कौन सा गिट्टी किस पहाड़ी क्षेत्र का है.

Next Article

Exit mobile version