हड्डी टूटी, तो मलहम-पट्टी ले आएं

मरीजों को बाहर से लाना पड़ रहा सामान सासाराम (रोहतास) : प्रदेश सरकार अस्पतालों की स्थिति में सुधार के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है़ लेकिन, अस्पतालों में स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है़ जिले में सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी का मामला काफी चर्चित रहता है. लगभग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2016 8:08 AM
मरीजों को बाहर से लाना पड़ रहा सामान
सासाराम (रोहतास) : प्रदेश सरकार अस्पतालों की स्थिति में सुधार के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है़ लेकिन, अस्पतालों में स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है़ जिले में सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी का मामला काफी चर्चित रहता है. लगभग हर अस्पताल में दवाओं की कमी देखी जाती है.
सोमवार को सदर अस्पताल में जाने पर पता चला कि यहां दवा के साथ-साथ अार्थोपेडिक विभाग में प्लास्टर सामान नहीं मिला. इस विभाग में लगभग तीन माह से प्लास्टर संबंधी सामान नहीं है. इसके कारण मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज मजबूर हो कर प्लाटर संबंधी सामान बाहर से मंगा रहे हैं. इसका असर गरीब तबके के मरीजों को काफी दिख रहा है़ मरीजों के परिजन विवश व लाचार हो कर प्लास्टर, पट्टी, रूई आदि सामान बाहर से खरीद कर प्लास्टर करा रहे हैं.
करीब पांच सौ मरीज प्रभावित: इस विभाग में तीन माह से लगभग पांच सौ मरीज प्रभावित हुए है. कई मरीज बेबश व लाचार हो कर बाहर से प्लास्टर संबंधित सामान ला कर प्लास्टर कराया है. कई मरीज वापस बिना प्लास्टर कराये ही लौट गये हैं.
सदर अस्पताल के आइसीयू, सीसीयू वार्ड में मरीजों के पीने के पानी की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. मरीज पानी पीने के लिए तरस जाते हैं. मजबूरन परिजन अपने मरीजों के लिए बाहर से बोतल का पानी लाना पड़ता है. मरीज सहित चिकित्सकों व कर्मियों को पानी के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, आइसीयू वार्ड के परिसर में चापाकल है.
परंतु, उसका पानी पानी पीने योग्य नहीं है. संक्रमित दूषित पानी निकलता है. इसके कारण मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, एक आरओ भी है, लेकिन वह शाेभा की वस्तु बनी हुई है. एक माह होने के बावजूद अब तक मशीन की सेटिंग कर चालू नहीं किया गया. मरीज कहते हैं कि ये सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. इस वार्ड इमरजेंसी में महिला मरीज की भरती होती है.
एक माह में लगभग 20 मरीज प्रभावित हुई है. चापाकल का पानी दूषित होने से मरीज मजबूरन बाहर से पानी मंगवा रहे हैं. इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक राकेश कुमार राणा ने कहा कि इस वार्ड में कुछ दिन पहले आयूरोकैट रखा गया है. जल्द ऑपरेटर से सेटिंग करा चालू कर दिया जायेगा.

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