अस्पताल में रखा गया गोबर व चारा अनदेखी. कभी-कभार ही पहुंचते हैं डॉक्टर

धनपुरवा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाल सासाराम (रोहतास) : शहर के वार्ड सात से सटे धनपुरवा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दूर से देखने पर गोशाला के किनारे कूड़ाघर जैसा नजर आता है. गोशाला इस लिए नहीं कि यहां गाय नहीं दिखती, लेकिन परिसर में गोबर व कमरे में पशुओं का चारा नजर आता है. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2016 6:14 AM

धनपुरवा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाल

सासाराम (रोहतास) : शहर के वार्ड सात से सटे धनपुरवा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दूर से देखने पर गोशाला के किनारे कूड़ाघर जैसा नजर आता है. गोशाला इस लिए नहीं कि यहां गाय नहीं दिखती, लेकिन परिसर में गोबर व कमरे में पशुओं का चारा नजर आता है. इस लिए इसे कूड़ा घर कहा जाये तो कोई गलत नहीं होगा़ इसकी ऐसी हालत कब से है, यह बताना तो मुश्किल है. लेकिन, इतना जरूर है कि भूले भटके ही कभी कोई मरीज इस अस्पताल में आता है. गांव के लोगों का कहना है कि डॉक्टर व कर्मचारी सप्ताह में एक-दो दिन हाजिरी बनाने जरूर आते हैं.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति खुद अपनी कहानी बयां कर रही है. अस्पताल परिसर में एक ओर गोबर का ढेर, एक कमरे में पशुचारा रखा है. शुक्रवार को दिन के 11 बजे अस्पताल बंद था. इसके कारण किसी कर्मचारी से मुलाकात नहीं हो सकी. शनिवार को भी दिन के 12 बजे अस्पताल बंद मिला.
जर्जर भवन में दवा रखना भी मुश्किल: अस्पताल का भवन जर्जर हो चुका है. छत से पानी टपकता है और परिसर में जलजमाव होता है. कमरों की हालत खास्ता है. कई जगह से प्लास्टर टूट गये हैं. चहारदीवारी लगभग टूट कर बिखर गयी है. चहारदीवारी नहीं रहने के कारण कुछ ग्रामीण परिसर को गोबर रखने के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं. तो एक ने अस्पताल के कमरे को भूसा घर बना दिया है.
मरीजों को नहीं मिलतीं दवाएं
धनपुरवा में जर्जर व बदहाल स्थिति में पीएचसी.
बोले अधिकारी
जिले में अधिकतर अस्पतालों की हाल दयनीय है. विभाग के अधिकारियों के आवासों के छतों से पानी टपकता है. भवनों की मरम्मत के लिए कोई आवंटन नहीं है. इसके लिए विभाग को पत्र लिखा जायेगा.
डॉ नवल किशोर प्रसाद सिन्हा, सिविल सर्जन
अब मध्याह्न भोजन में खिचड़ी के साथ मिलेंगे मौसमी फल

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