ट्रैफिक व्यवस्था चौपट जाम से परेशान हैं लोग

सासाराम नगर : शहर का पोस्ट ऑफिस चौक है तो चौराहा लेकिन इस चौराहे से तीन सड़कों पर ही वाहनों का परिचालन होता है. इस चौक पर ट्रैफिक का नियम नहीं है, ट्रैफिक पुलिस की मरजी से इस चौराहे से वाहन गुजरे हैं. शुल्क व सुविधानुसार हर ट्रैफिक नियम बदलता रहता है. अन्य शहरों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2016 8:10 AM
सासाराम नगर : शहर का पोस्ट ऑफिस चौक है तो चौराहा लेकिन इस चौराहे से तीन सड़कों पर ही वाहनों का परिचालन होता है. इस चौक पर ट्रैफिक का नियम नहीं है, ट्रैफिक पुलिस की मरजी से इस चौराहे से वाहन गुजरे हैं. शुल्क व सुविधानुसार हर ट्रैफिक नियम बदलता रहता है.
अन्य शहरों में ट्रैफिक नियम का पालन होता होगा, मगर यहां ऐसा नहीं है. खास मौके पर नियम में ढील देने का रिवाज है लेकिन पोस्ट ऑफिस चौक ऐसा चौक है जहां हर रोज नियम बदलता रहता है. ट्रैफिक नियम की रोज धज्जी उड़ायी जाती है.चौक के समीप बस पड़ाव का होना सबसे बड़ी परेशानी है. बस पड़ाव से निकलने व जाने वाले वाहन चौक को अस्तव्यस्त कर देते हैं. हर रोज सैकड़ों बसों का आना जाना होता है.सुबह के सात बजे से रात 9 बजे तक इस चौक की स्थिति यही रहती है.
यहां बनता-टूटता है ट्रैफिक नियम: चौक पर ट्रैफिक संचालन के लिए नियम बनाना, तोड़ना व फिर बनाना जैसे बच्चों का खेल हो गया है. यहां प्रशासन की ओर से रोज नियम बनता है और रोज टूटता है.
पुरानी ओवरब्रिज से हो कर आने वाले वाहनों को धर्मशाला चौक से मुड़ना है जबकि ये वाहन चौक से ही मुड़ जा रहे हैं. चौक पर अवरोधक लगा कर वन-वे बनाया गया है. ट्रैफिक नियम में किसी वाहन को बायें से हो कर निकलना होता है लेकिन यही इकलौता चौक है. जहां गाड़ियां दायें से हो कर निकलते हैं. ऐसा नहीं है कि चालक अपनी मरजी से ऐसा करते हैं. इसमें ट्रैफिक पुलिस के जवान व अधिकारियों की सहमति होती है.जब वाहनों को किसी लेन में घुसने की छूट है तो फिर चौक पर अवरोधक लगाने का क्या मतलब है.चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवानों की मनमर्जी चलती है.चौक स्थित बस पड़ाव से निकलने वाले वाहन ट्रैफिक नियम को बनाते व बिगाड़ते हैं.

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