सबका कंठ तर करता ‘देसी फ्रिज’

सासाराम (नगर) : भले ही हर घर में आधुनिकता व फैशन हावी हो, लेकिन पुरानी चीजों की महत्ता अब भी बरकरार है. लोगों के मुरझाये चेहरे व थकान को दूर करने में बिजली से चलनेवाले सामान थोड़ी राहत देते हैं. पर, प्रकृति प्रदत्त संसाधन का मजा कुछ और होता है. अधिकतर घरों में फ्रिज व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:40 PM

सासाराम (नगर) : भले ही हर घर में आधुनिकता व फैशन हावी हो, लेकिन पुरानी चीजों की महत्ता अब भी बरकरार है. लोगों के मुरझाये चेहरे व थकान को दूर करने में बिजली से चलनेवाले सामान थोड़ी राहत देते हैं.

पर, प्रकृति प्रदत्त संसाधन का मजा कुछ और होता है. अधिकतर घरों में फ्रिज व कूलर हैं, लेकिन देसी फ्रिज के नाम से मशहूर मिट्टी का घड़ा सब जगह मिल जाता है. यह हर तबके के लोगों के कंठ को तर करने में कारगर साबित हो रहा है. हर समय बाजार में उपलब्ध रहनेवाले इस बरतन को लोग जब जैसा वक्त हो उपयोग कर सकते हैं.

15 से 200 रुपये तक कीमत

बाजार में देसी फ्रिज (मिट्टी का घड़ा) महज 15 रुपये में उपलब्ध है. न तो खरीदार को इसके लिए कोई रसीद कटाने की जरूरत है और न ही पैरवी की. शहर के अड्डा रोड स्थित एक दुकान के घड़ा विक्रेता की मानें तो बाजार में 15 से 200 रुपये तक घड़ा उपलब्ध है. जैसा आकार वैसा दाम.

भूल गये प्यासे को पानी पिलाना

प्राय: हर साल गरमी के मौसम में राहगीरों को देसी फ्रिज के पानी की स्वाद को चखाना इस बार स्वयं सेवी संस्था के लोग भूल गये हैं. चौक-चौराहों के अलावा सार्वजनिक स्थलों व जगह जगह प्याऊ की व्यवस्था करने की परंपरा थी, जो अब समाप्त होने की कगार पर पहुंच गयी है. इस साल ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां स्वयंसेवी संस्थाओं के बैनर तले प्याऊ की व्यवस्था की गयी हो.

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