पानी का पैसा पानी में, नहीं बुझी प्यास
सासाराम कार्यालय : लोगों की सुविधाओं के लिए सरकार योजनाएं तो बनाती हैं, लेकिन उनकी सही ढंग से निगरानी नहीं होने से योजनाओं का लाभ जहां पहुंचना चाहिए, वहां नहीं पहुंच पाता. इन्हीं योजनाओं में से एक है स्व जलधारा योजना. केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण व कसबाई इलाकों में […]
सासाराम कार्यालय : लोगों की सुविधाओं के लिए सरकार योजनाएं तो बनाती हैं, लेकिन उनकी सही ढंग से निगरानी नहीं होने से योजनाओं का लाभ जहां पहुंचना चाहिए, वहां नहीं पहुंच पाता. इन्हीं योजनाओं में से एक है स्व जलधारा योजना.
केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण व कसबाई इलाकों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करना है. विशेष रूप से वैसे क्षेत्र जहां पानी के ऊपरी स्तर में आर्सेनिक, क्लोराइड व फ्लोराइड की मात्र अधिक है. इस योजना में डीप बोरिंग द्वारा पानी टंकी में पानी जमा कर पाइप लाइन द्वारा जलापूर्ति करनी है, पर यह पूरी तरह असफल हो रही है.
2006 में जिले के 10 गांवों को स्व जलधारा योजना में जलापूर्ति योजना से जोड़ा गया था. इसमें कुशधर, भटौली, घोरडीह, प्रतापगंज (राजपुर प्रखंड), फकिला, धनेज, रीवा (करगहर प्रखंड), तेंदुआ, मेदनीपुर, सिकरियां, बराढ़ी, बैजला (सासाराम प्रखंड) व शिवपुर, डिलियां, प्राणपुर (नोखा प्रखंड) में इस योजना की शुरुआत हुई, लेकिन शिलान्यास के सात वर्ष बीतने के बावजूद किसी जलमीनार से पानी की सप्लाइ नहीं हो सकी है.