कोहरे से होने लगा लोगों का सामना

सासाराम शहर : दिसंबर महीने की शुरुआत होते ही कोहरे की घनी चादर में लिपटा शहर गुरुवार की रात से कूल-कूल हो उठा. आधी रात के बाद कुछ नजर ही नहीं आ रहा था. सडकों पर वाहन रेंग रहे थे़ शुक्रवार को सुबह से ही घने कोहरे का असर दिखने लगा़ ठंड व कोहरे से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2016 8:16 AM
सासाराम शहर : दिसंबर महीने की शुरुआत होते ही कोहरे की घनी चादर में लिपटा शहर गुरुवार की रात से कूल-कूल हो उठा. आधी रात के बाद कुछ नजर ही नहीं आ रहा था. सडकों पर वाहन रेंग रहे थे़ शुक्रवार को सुबह से ही घने कोहरे का असर दिखने लगा़ ठंड व कोहरे से जनजीवन प्रभावित होने लगा है. इसका असर धनकटनी व रबी की बुआई पर भी पड़ रहा है. सूरज व बादलों में दिन भर लुका-छिपी का खेल चलता रहा. मौसम में इस बदलाव से अधिकतम पारा एक डिग्री और लुढ़क गया. हालांकि, रात के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गयी.
वैसे तो कोहरे का असर 15 दिसंबर के बाद दिखाई देता है, लेकिन इस बार कोहरा पहले ही छाने लगा. दो दिन में अधिकतम तापमान में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी है. एक दिसंबर को अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस था जो दो दिसंबर को घटकर 25 डिग्री पर पहुंच गया. हालांकि, न्यूनतम तापमान में वृद्धि जारी रही. न्यूनतम तापमान चौबीस घंटे में 3.2 डिग्री उछला. मौसम विज्ञानियों की मानें तो दिन में निकलने वाली हल्की धूप की गरमी का असर रात को देखने को मिल रहा है. इसके चलते ही रात का तापमान बढ़ रहा है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले दिनों में कोहरे का प्रकोप जारी रहेगा.
स्कूली बच्चों की बढ़ी परेशानी: बढ़ती ठंड व घने कोहरे ने स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ा दी है. सुबह-सुबह ठंड में बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी हो रही है. सुबह में ठंड के कारण बच्चे ठिठुरते हुए अपने स्कूलों में पहुंचे. कुहासे के कारण स्कूल बस भी काफी विलंब से पहुंचें.
‘मौसम में बदलाव से सिकुड़ गयी सर्दी’
कभी सूखा, कभी बेमौसम बरसात व इस बार तो मानसून की सामान्य से ज्यादा बारिश. नतीजा ऋतु परिवर्तन पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है. मौसम विज्ञानियों की मानें तो सर्दी की अवधि कम रहेगी, पर इसका तेवर लोगों को हिला कर रख देगा. बीच में बारिश भी हो सकती हैं. मौसम के उतार-चढ़ाव का असर सीधे ऋतुओं पर पड़ रहा है. यही कारण है कि इस बार सर्दी कम समय के लिए ही सही, मगर तेज पड़ेगी.
बच्चों को लेकर रहिए सतर्क
मौसम के वर्तमान रुख को देखते हुए बच्चों को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है. सर्दी, जुकाम, बुखार, डायरिया जैसी बीमारियां तो बच्चों को घेरती है. पर, इस बार सांस फूलने की बीमारी ने तेजी से अपने पांव पसारे हैं. सदर अस्पताल में तो बच्चे आ ही रहे हैं, निजी अस्पताल में भी ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ी है.
चिकित्सकों की मानें तो मौसम के अचानक परिवर्तित होने से बच्चों की सेहत पर प्रभाव पड़ता है. ठंड के साथ प्रदूषण मिल कर बच्चों को बीमार बना देता है. डॉक्टरों की मानें तो इस मौसम में अभिभावकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. खासकर ठंड से बचाने के लिए बच्चों के शरीर को गरम कपड़ों से ढककर रखें. उनके खानपान को लेकर विशेष सतर्कता बरतें. धूल, धुएं आदि से बचायें. संक्रमित मरीज के संपर्क में न आने दें.

Next Article

Exit mobile version