नेहरू शिशु उद्यान से सुविधाएं नदारद
अनदेखी. शहर का इकलौता पार्क बदहाल सासाराम(नगर) : शहर का एक मात्र पार्क नेहरू शिशु उद्यान है, जहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. पार्क के रख रखाव में प्रशासन का सहयोग नहीं मिलता है. पार्क में शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है. एक यूरिनल है, जहां लोगो की पहुंच नहीं हो पाती है. यूरिनल […]
अनदेखी. शहर का इकलौता पार्क बदहाल
सासाराम(नगर) : शहर का एक मात्र पार्क नेहरू शिशु उद्यान है, जहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. पार्क के रख रखाव में प्रशासन का सहयोग नहीं मिलता है. पार्क में शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है. एक यूरिनल है, जहां लोगो की पहुंच नहीं हो पाती है. यूरिनल के पास नालियों से निकाले गये कचरे का ढेर लगा है. रविवार को बड़ी संख्या में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पार्क में आते हैं. शौचालय नहीं रहने से बच्चों को बहुत परेशानी होती है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी एक लाख 49 हजार है. वर्तमान में इस शहर की संख्या लगभग दो लाख से भी अधिक है. इतनी बड़ी संख्या वाले शहर में नेहरू शिशु उद्यान ही एकमात्र पार्क है. अन्य दिनों तो पार्क की स्थिति थोड़ी ठीक-ठाक रहती है, मगर बरसात के दिनों में पार्क पानी में डूब जाता है.
पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. शहर के बड़े नालों के पानी की निकासी पार्क के रास्ते होती है. विगत तीन वर्षों से पार्क की उत्तर दिशा में रेलवे का निर्माण कार्य चल रह है, जिससे जल निकासी का मार्ग अवरुद्ध हो गया है. इस वर्ष बरसात में पार्क में लगाये गये पौधे व पेड़ जलजमाव के कारण बरबाद हो गये. पार्क के केयरटेकर ने पार्क से जलनिकासी के लिए दर्जनों बार नगर पर्षद से लेकर डीएम तक से गुहार लगायी, लेकिन किसी अधिकारी ने पार्क को बचाने में सहयोग नहीं किया. प्रशासन की उदासीनता से शहरवासियों में भी नाराजगी है. इसके विकल्प के तौर पर शेरशाह मकबरा के पार्क को देखा जाता है, लेकिन मकबरा तालाब का पानी इतना दूषित हो गया है कि उसके सड़ांध से लोग इस पार्क में नहीं जाते हैं.
नहीं मिल रहा प्रशासन से सहयोग
पार्क में पड़े कचरे का ढेर दिखा रहे दशरथ दूबे.
क्या कहते हैं पार्क की प्रबंधन समिति के सदस्य
नेहरू पार्क में दो बड़ी समस्याएं हैं. पहली समस्या यह है कि पार्क में शौचालय नहीं है और दूसरी मुख्य समस्या है बरसात के दिनों में
जलजमाव. हर वर्ष इस पार्क में सैकड़ों पौधे लगाये जाते हैं जो पानी जमने के कारण खराब हो जाते हैं. अभी एक माह पूर्व फिर से पौधे लगाये गये हैं.जब ये पौधे तैयार होंगे, बरसात शुरू हो जायेगी और पानी जम जायेगा तो ये पौधे भी खत्म हो जायेंगे. जल निकासी के लिए अधिकारियों से कई बार गुहार लगायी गयी, मगर कोई कदम नहीं उठाया गया. एक जनवरी को पार्क में लोगों की भीड़ जुटती है. बच्चे काफी संख्या में आते हैं. शौचालय नहीं रहने से छोटे बच्चों को काफी परेशानी होती है. जिले में ओडीएफ की धूम मची है, मगर नेहरू पार्क तक यह अभियान अभी तक नहीं पहुंच सका है. विडंबना है कि स्थानीय विधायक सासाराम प्रवास के दौरान प्रतिदिन पार्क में आते हैं, फिर भी इसका विकास नहीं हो पा रहा है.
दशरथ दूबे, प्रबंध समिति सदस्य,नेहरू शिशु उद्यान
क्या कहते हैं अधिकारी
नेहरू पार्क में सुविधाएं बढ़ायी जायेंगी. पार्क में जलजमाव की गंभीर समस्या है. इसके लिए स्थायी समाधान की व्यवस्था की जा रही है. पार्क में शौचालय बनाने की योजना नगर पर्षद में प्रस्तावित है. कार्यपालक पदाधिकारी को शौचालय निर्माण का आदेश दिया जायेगा. इस योजना में जो भी बाधाएं हैं. उन्हें दूर किया जायेगा. पार्क में बड़ी संख्या में बच्चे पहुंचते हैं. उनको खेलने व मनोरंजन की सभी सुविधा मुहैया करायी जायेगी. स्वच्छ पेयजल, यूरिनल व शौचालय प्रशासन की पहली प्राथमिकता है. एक जनवरी को प्रशासन द्वारा पार्क में विशेष व्यवस्था की जायेगी. पार्क में चारों तरफ रंगीन लाइट की व्यवस्था करने की योजना है.
अनिमेष कुमार पराशर, डीएम, रोहतास