सासाराम : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के फायदे को गिनाते हुए आज कहा कि प्रदेश में पिछले सात महीने के दौरान सड़क हादसे में 19 प्रतिशत और मौत में 31 फीसदी की कमी आयी है.मुख्यमंत्रीनेसुपीमकोर्ट के राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य उच्च पथों के 500 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर रोक लगाए जाने की भी प्रशंसा की और कहा कि इस फैसले ने बिहार में शराबबंदी का मखौल उड़ाने वालों को माकूल जवाब दिया है.
अपने निश्चय यात्रा के क्रम में रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम में आज एक चेतना सभा को संबोधित करते हुएसीएम नीतीश ने शराबबंदी के फायदे को गिनाते हुए यह बातें कहीं. सीएम नीतीश ने शराबबंदी के फायदाें को दोहराते हुए कहा कि इससे लोग अब अपनी कमाई को दूध, मिठाई, कपड़े, घर के फर्नीचर सहित अपनी अन्य घरेलू जरुरतों पर खर्च कर रहे हैं. जिसका प्रमाण इन वस्तुओं की बिक्री में वृद्धि है.
बिहार के मंत्री चंद्रिका राय और जय कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर और विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा सहित अन्य की उपस्थिति में नीतीश ने लोगों को अपनी सरकार द्वारा सात निश्चय के तहत लागू किये जा रहे कार्यक्रमों यथा हर घर में पेयजल, शौचालय एवं बिजली का कनेक्शन एवं हर नाली और सड़क का पक्कीकरण, युवाओं से जुड़े कार्यक्रमों आदि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 11 करोड़ आबादी वाले बिहार में 65 प्रतिशत युवा हैं.
उन्होंने आगामी 21 जनवरी को शराबबंदी के पक्ष में करीब 2 करोड़ लोगों द्वारा बिहार में मानव श्रृंखला बनाए जाने का जिक्र करते हुए लोगों से उसमें शामिल होने पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने रोहतास और कैमूर में अवैध पत्थर उत्खनन पर चिंता जताते हुए कहा कि वे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान इसकी समीक्षा कर इसका समाधान निकालने का प्रयास करेंगे.
इसके पहले अपनी सुपौल यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए यह कहा था कि नये साल के मौके पर शराब पीकर बवाल खड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सचेत रहने के निर्देश भी दिये थे.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि पुलिस वैसे पुराने शराब कारोबारियों का भी पता लगाये कि वह शराबबंदी के बाद किस प्रकार के धंधे से जुड़े हुए हैं. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी सचेत किया था कि अगर बिहार में नये साल के जश्न में शराब के इस्तेमाल का मामला सामने आता है, तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जायेगी.