संझौली (रोहतास) : सरकार बार-बार घोषणा करती आ रही है की विद्यालयों को साफ सुथरा भवन एवं बच्चो को अच्छी शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में है, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं है. कई विद्यालयों के भवन नहीं, तो कई की चाहरदिवारी नहीं, कई विद्यालयों में छात्रों की कमी तो कई में शिक्षकों का आभाव है. भला ऐसे में शिक्षा को कैसे सुधारा एवं मजबूत किया जा सकता है. किसी विद्यालय में खेल उपकरण नहीं तो किसी में खेल उपकरण लगाने की भूमि नहीं
गौरतलब हो कि प्रखंड में कुल विद्यालयों की सख्या 57 है. जिसमे मध्य विद्यालय 26, प्राथमिक विद्यालय 25, उच्च एवं उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय 5, संस्कृत उच्च विद्यालय 01 है. सभी विद्यालयों में नामांकित 10 हजार 377 छात्र छात्राएं हैं, जबकि शिक्षकों की संख्या 269 है. इस आकंडों से तो यह पता चल जाता है कि नामांकित छात्रों के अनुपातिक शिक्षक विद्यालयों में नियुक्त है. लेकिन कुछ इस तरह के विद्यालय है जहां छात्रों एवं शिक्षकों का घोर अभाव है. 14 ऐसे विद्यालय है जहां 01 से 50 छात्र नामांकित है. 06 ऐसे विद्यालय है जहां 51 से 100 छात्र नामांकित है. 31 विद्यालय ऐसे है जहां 101 से अधिक नामांकित छात्र है. वही आंकडे अनुसार प्राथमिक विद्यालय आमाडाढ में नामांकित 121 बच्चों, नव सृजित प्राथमिक विद्यालय बथानी टोला में नामांकित 40 बच्चो एवं नव सृजित प्राथमिक विद्यालय पंखन्हिया में नामांकित 08 बच्चों के लिये मात्र एक-एक शिक्षक नियुक्त है. प्रखंड के 48 विद्यालयों का अपना भवन तो है लेकिन नव सृजित प्राथमिक विद्यालय बथानी टोला, नव सृजित प्राथमिक विद्यालय मसोना टोला, नव सृजित प्राथमिक विद्यालय पखन्हिया का भवन नहीं है. भवन के निर्माण नहीं होने के कारण यहां के बच्चों को दूसरे नजदिक के विद्यालयों में शिफ्ट कर दिया गया है.