डीएम का आदेश नहीं मान रहे बालू घाट के ठेकेदार

सौ सीएफटी बालू के लिए साढ़े छह सौ रुपये प्लस वैट की राशि लेेने का है नियम अकोढ़ीगोला : दरिहट स्थित सोन नद में बालू घाटों को चलानेवालों सरकार द्वारा निर्धारित दर से ढाई गुना अधिक रुपये वसूला जा रहा है. बालू के कारोबारियों द्वारा खुलेआम लूट मचाने के जानकारी होने के बावजूद संबंधित अधिकारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2017 7:45 AM
सौ सीएफटी बालू के लिए साढ़े छह सौ रुपये प्लस वैट की राशि लेेने का है नियम
अकोढ़ीगोला : दरिहट स्थित सोन नद में बालू घाटों को चलानेवालों सरकार द्वारा निर्धारित दर से ढाई गुना अधिक रुपये वसूला जा रहा है. बालू के कारोबारियों द्वारा खुलेआम लूट मचाने के जानकारी होने के बावजूद संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाये जाने से प्रशासन के प्रति लोगों में रोष है. डीएम द्वारा बालू परिवहन चलान पर बालू की मात्रा, राशि व अन्य आवश्यक बातें स्पष्ट लिखने के दिये गये निर्देश के बावजूद चालान पर राशि नहीं भरी जा रही है.
मालिकों द्वारा सरकार की तरफ से निर्धारित प्रति सौ सीएफटी बालू के लिए साढ़े छह सौ रुपये प्लस बैट की जगह 15 सौ रुपये वसूले जा रहे हैं. ट्रैक्टर चालकों व बालू खरीदारों द्वारा अधिक राशि वसूली जा रही है. इसकी शिकायत संचालकों से किये जाने पर उलटे उन्हें धमकी दी जाती है कि बालू लेना हो तो लो वरना रास्ता मापो. ट्रैक्टर चालक राजू सिंह, भुवर सिंह, नोखा निवासी राजा कुमार आदि कहते हैं कि हमलोगों की वसूली गयी राशि को चालान पर अंकित करने के बात पर घाट संचालक हमें धमकाते हैं.
प्रशासन की नरमी से हो रही अवैध वसूली
जदयू जिला संगठन सचिव वसंत कुमार राय कहते हैं कि प्रशासन की नरमी के कारण बालू संचालकों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है. अकोढ़ीगोला निवासी प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि बालू चलान पर ट्रैक्टरों से निर्धारित राशि से ढाई से तीन गुना अधिक वसूली किया जाना घोर अपराध है और प्रशासन की चुप्पी कुछ और ही दरसाता है. प्रशासन इसे संज्ञान में लेता है, तो अधिक वसूली नहीं हो सकती है. उनका कहना है कि प्रति दिन सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर घाट से बालू निकालते है. घाट संचालक ट्रैक्टरों से रोज लाखों की अवैध वसूली करते है.
अधिक वसूली नियम विरुद्ध
जिला खनन पदाधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार कहते हैं कि चालान पर राशि अंकित किया जाना व निर्धारित दर से अधिक राशि वसूलना नियम विरुद्ध है. इसकी जांच कर सत्य पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.

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