सासाराम (नगर) : रविवार को एलपीजी गैस टैंकर के लीक होने से फोरलेन पर बाधित वाहनों का परिचालन आठ घंटे बाद शुरू हुआ. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बनारस व आरा से आये अधिकारियों ने टैंकर के अनुकूल होने पर सोमवार की तड़के उसे बनारस वापस भेजा गया. रात भर प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा पुलिस व एनएचआइ के पैट्रोलिंग दस्ता वाहनों के परिचालन पर निगरानी करते रहे.
टैंकर के लीक होने से लगभग तीन लाख रुपये के गैस हवा में उड़ कर बरबाद हो गये. गैस का असर अब भी बुढ़न व उससे सटे गांवों में बरकरार है. गैस के गंध से लोग अभी भी परेशान हैं. एसडीओ नलिन कुमार ने बताया कि बनारस व आरा से विभाग के तकनीकी विशेषज्ञों ने गैस लीक को बंद किया. उसके बाद रात लगभग 12 बजे फोर लेन सड़क पर परिचालन शुरू किया गया. तकनीक विशेषज्ञ मनोज कुमार व आशीष चंद्रा के मुताबिक टैंकर से मात्र 25 प्रतिशत हीं गैस हवा में उड़ कर बरबाद हुए थे.
स्थिति भयावह थी, लेकिन शुरुआती दौर में प्रशासनिक सक्रियता से स्थिति को विकराल होने से रोका गया. तापमान सामान्य होने पर टैंकर को वापस बनारस भेजा गया. ज्ञातव्य हो कि रविवार को दीना (सागर, एमपी) से पटना जा रहे एचपी पेट्रोलियम गैस का टैंकर संख्या आरजे 19 जीए/8064 का ढक्कन बुढ़न के पास अचानक खुल गया. इससे गैस का रिसाव पूरे क्षेत्र में हो गया था. इस घटना में चालक तौफिक आलम जख्मी हो गया था. रिसाव से अफरा-तफरी मच गयी थी.
मौके पर पहुंची अधिकारियों की टीम वाहनों का परिचालन बंद कर स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गयी थी. परिचालन बंद होने से फोरलेन पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी थी. टीम में एसपी विकास वर्मन, एएसप (अभियान) मो सोहैल, एनएचआइ के पैट्रोलिंग अफसर कामेश्वर राम, वीरेंद्र राय समेत दरिगांव, सासाराम नगर, मुफस्सिल, डेहरी थाने की पुलिस अपने अपने क्षेत्र में निगरानी करती रही.