इस लड़की के डांस से झूम उठती थी महफिल, नैना को लग गयी मौत की नजर
सासाराम नगर : उमर बिगहा में तिलक समारोह में नृत्य के दौरान स्टेज से अगर नर्तकी (नैना) नहीं उतरती तो उसकी जान बच जाती. दर्जन भर युवक एक ही गाना ‘तोहरा सामियाना में चले लागी धांय-धांय गोली’ पर बार-बार डांस करा रहे थे. लगातार दो बार एक ही गाने पर डांस करने के बाद थक […]

सासाराम नगर : उमर बिगहा में तिलक समारोह में नृत्य के दौरान स्टेज से अगर नर्तकी (नैना) नहीं उतरती तो उसकी जान बच जाती. दर्जन भर युवक एक ही गाना ‘तोहरा सामियाना में चले लागी धांय-धांय गोली’ पर बार-बार डांस करा रहे थे. लगातार दो बार एक ही गाने पर डांस करने के बाद थक कर नैना व रीना स्टेज से उतर कर कपड़ा बदलने नीचे गयी. तभी युवकों की टोली पीछे जा कर गोली चला दिया. उक्त बातें साथी नर्तकी अंजलि व गुड़िया ने कहीं. दोनों नर्तकियों ने बताया कि हम चारों रात आठ बजे से ही डांस कर रही थी.
डीजे पर डांस करना बहुत मुश्किल होता है. हम सभी थक गयी थी. अब अाराम करना चाहती थी. नशे में कुछ युवक हम लाेगों को शुरू से ही परेशान कर रहे थे. फफकते हुए नर्तकी अंजलि ने कहा नैना इस प्रोग्राम में नहीं आना चाहती थी. उसकी दीदी भी मना कर दी थी. डीजे मालिक अजय दोबारा आ कर हम दोनों को ले गये. जब हम लोगों को परेशान किया जाने लगा तो डीजे मालिक ने विरोध किया. मगर उनके सामने इनकी नहीं चली.आधे घंटे तक छटपटाती रही नैना: जब नैना को गोली लगी तो रीना भागते हुए स्टेज पर आयी. वह बोल नहीं पा रही थी. जब हम लोग नीचे गये तो देखे पेट के बल गिरी नैना छटपटा रही थी. उसके पेट से खून निकल रहा था. हम लोग नैना को जल्द अस्पताल ले जाने के लिए गिड़गिड़ा रहे थे. लेकिन, ग्रामीण लोगों को चुप रहने व किसी के पास फोन करने से मना कर रहे थे.
किसी तरह मैं पिंकी दीदी (नैना की बड़ी बहन) को फोन की. पिंकी दीदी के साथ कई लोग आये तब जा कर नैना को अस्पताल ले जाया गया. अगर उसी समय नैना को अस्पताल पहुंचा दिया जाता, तो उसकी जान बच जाती. आयोजक के घर के लोगों ने सहयोग नहीं किया. युवक घरवालों के सामने हो-हल्ला कर रहे थे. उन्हें मना करने की जगह घर वाले हंस-हंस कर बातें कर रहे थे. सभी शराब के नशे में थे.
कार्यक्रम शुरू होते ही शुरू हो गया हंगामा: गांव में नाच का प्रचलन कुछ आैर ही है. नाच के दौरान लोगों में अपना पहचान बनाने की होड़ मची रहती है. यह स्टेज प्रोग्राम था. डीजे पर चार नर्तकियां थिरक रही थीं. जब कभी कोई गाना शुरू होता कुछ युवक स्टेज पर चढ़ जाते थे. हालांकि, कई बार कुछ ग्रामीण इस का विरोध किये. डीजे मालिक अजय सोनकर ने कहा बार-बार अनुरोध के बाद से अपनी हरकत बंद नहीं किये. आखिर वहीं हुआ जिस का डर था.
अमरी टोला की लाडली थी नैना: अमरी रोड लाइट की अच्छी डांसर होने के कारण नैना की डिमांड ज्यादा थी. चार बहनों में नैना सबसे छोटी थी. इससे बड़ी बहनें बंटी रानी, पिंकी रानी, रूबी रानी अपने समय की मशहूर डांसर थी. इधर दो वर्षों से नैना प्रोग्राम में जाना शुरू की थी. बंटी ने बताया कि उसे तो इस धंधे में जाने से सभी रोक रहे थे. लेकिन, हम लोगों का यही धंधा रोजगार है. मजबूरी में उसे भेजना शुरू किया गया. नैना को अच्छे स्कूल में पढ़ाया गया था. पढ़ी लिखी नैना इस टोले में सब की चहेती थी. जब कभी प्रोग्राम में जाती थी, तो उसके साथ हम तीनों बहनों में कोई न कोई उसके साथ जाता था. हम लोग तो लोगों का दिल बहलाते हैं बदले में गोली मारी जाती है.