वनवासियों में नक्सलियों की दहशत

घटनाओं के कारण जगते ही बुझने लगी रोजगार की आस अकबरपुर : कैमूर पहाड़ी पर नक्सलियों द्वारा लगातार घटना को देखते हुए वनवासियों में रोजगार की आस जागते ही बुझने के कगार पर दिखने लगी है. लगातार एक माह के अंदर नक्सलियों ने दो बड़ी घटना को अंजाम दे कर कैमूर पहाड़ी पर दूसरी बार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2017 6:24 AM

घटनाओं के कारण जगते ही बुझने लगी रोजगार की आस

अकबरपुर : कैमूर पहाड़ी पर नक्सलियों द्वारा लगातार घटना को देखते हुए वनवासियों में रोजगार की आस जागते ही बुझने के कगार पर दिखने लगी है. लगातार एक माह के अंदर नक्सलियों ने दो बड़ी घटना को अंजाम दे कर कैमूर पहाड़ी पर दूसरी बार वनवासियों की दहशत में जीने को मजबूर हो गये है. नक्सली टीपीएसी की दस्ता ने करीब एक माह पहले बुधवा ग्राम मंजल छाजन द्वारा चल रहे कार्य को बाधित कर कार्य करा रहे ग्रामीण को बंधक बना कर मारा पीटा व चल रहे कार्य में अर्थमूवर (जेसीबी) के ऑपरेटर को मारपीट कर कार्य को बंद करा दिया वहीं दो रोज पहले दुग्धा में वन विभाग से चल रहे पथ के कार्य को लेवी के लिए रोका व कार्य में चल रहे अर्थमूवर (जेसीबी) व दो ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया. इस घटना से वनवासियों में इस बात की चिंता हो गयी है
कि विकास की इस कार्य में पहाड़ी पर बसे लोग भी कोई मजदूरी तो अपनी गाड़ी ट्रैक्टर चला कर जीविका से जुड़े थे. मगर नक्सली टीपीसी की लगातार घटना से घबराये व मजबूर दिखते है. अखबार के नाम नहीं छापने की शर्त पर पहाड़ पर बसे गांव के लोगों ने कहा कि रोजगार की अवसर जैसे ही शुरू हुआ हमलोगों ने अपने अपने ट्रेक्टर से पहाड़ पर ईंटा, बालू या मिट्टी के लिए कार्य शुरू किये थे. मगर हाल की घटना में जले ट्रैक्टर से हम लोग फिर अपने आप को बेरोजगार समझने लगे हैं. हालत ऐसी ही रही तो पूरे पहाड़ी पर फिर से पिछली बार की तरह नक्सली चप्पे-चप्पे में छा जायेंगे.

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